बिहार
बिहार: BJP कार्यकारिणी बैठक में भी लिया था हिस्सा, जेडीयू नेता आरसीपी सिंह बीजेपी में हुए शामिल, काफी दिनों से थे नाराज
Kajal Dubey
4 July 2022 11:16 AM GMT

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बिहार के जनता दल यूनाइटेड से केंद्र सरकार में मंत्री आरसीपी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। पिछले कुछ दिनों सो वो पार्टे नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। इस बार पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भी नहीं भेजा था। जिसकी वजह से वो पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे। आपको बता दें कि पिछले दिनों हैदराबाद में हुई बीजेपी कार्यकारिणी बैठक में भी सिंह ने हिस्सा लिया था।
इसके पहले केंद्रीय मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह एक रिपोर्टर के सवाल पर उस समय भड़क गए जब पत्रकारों ने उन्हें नीतीश कुमार का हनुमान कह दिया था। आरसीपी सिंह बिहार के जमुई जिले के दौरे पर थे। एक मीडियाकर्मी ने जब उनसे सवाल किया कि आप नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते रहे हैं। जैसे चिराग पासवान पीएम मोदी के हनुमान कहे जाते हैं, ठीक वैसे ही आपको भी कहा जाता है। इस सवाल पर आरसीपी सिंह भड़क उठे और कहा कि वो किसी के हनुमान नहीं है। उनका नाम रामचंद्र है और उन्हें उनके ही नाम से संबोधित किया जाए।
उपेंद्र कुशवाहा के नाम पर भड़के थे आरसीपी सिंह
वहीं इसके पहले योग दिवस के दिन जब मीडिया कर्मियों ने केंद्रीय मंत्री से उपेंद्र कुशवाहा के बारे में पूछ लिया था तो उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "आप किसका नाम इस खूबसूरत अवसर पर ले रहे हैं। बोधगया भगवान बुद्ध का पवित्र स्थान है। कृपया भगवान बुद्ध का नाम लें।" दरअसल, एक हफ्ते पहले, उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि आरसीपी सिंह की राज्यसभा की सदस्यता जाने वाली है। ऐसे में नैतिकता के तौर पर उन्हें केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
इस वजह से आई नीतीश के साथ संबंधों में खटास
कभी नीतीश कुमार के बाद पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते थे आरसीपी सिंह यानी रामचंद्र प्रसाद सिंह। साल 2020 में नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का अध्यक्ष भी बनाया था। लेकिन जेडीयू ने केंद्र सरकार से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में दो सीटों की मांग कर रखी थी। इस पर आरसीपी सिंह ने एक ही मंत्रिपद पर बात स्वीकार कर ली इसके बाद से ही नीतीश कुमार के साथ आरसीपी सिंह के 2 दशकों पुराने संबंधों में खटास आ गई। इसके बाद लोगों ने इस बात का कयास लगाना शुरू कर दिया था कि इस बार नीतीश उन्हें राज्यसभा नहीं भेजेंगे और आगे आकर वही बात सही साबित हुई।
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