बिहार
बिहार: बिजली बचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ये है प्लान
Kajal Dubey
24 July 2022 1:11 PM GMT

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को जागरूक करें। यही अक्षय ऊर्जा है, जो प्रकृति प्रदत्त है और यह सदैव रहेगा। हमलोगों ने शुरू से ही इस पर बल दिया है।
मुख्यमंत्री आवास में भी सौर ऊर्जा को लेकर काम कराया गया है। जितने भी सरकारी भवन हैं, उन सभी पर सौर ऊर्जा से संबंधित उपकरण लगाएं। साथ ही उन्हें मेंटेन रखने का भी प्रबंध करें। इससे काफी लाभ होगा। इससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा और पैसों की भी बचत होगी। अभी जो बिजली मिल रही है, उसके उपयोग की एक सीमा है। सौर उर्जा के उपयोग से बिजली बचाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने सीएम सचिवालय स्थित 'संवाद' में जल-जीवन-हरियाली अभियान से संबंधित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की ।
उन्होंने कहा कि पहले बिहार का हरित आवरण काफी कम था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर काफी संख्या में पौधे लगाये गये, जिसका परिणाम है कि अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। हमलोगों ने बिहार की आबादी और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हरित आवरण की सीमा को 17 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए बड़े पैमाने पर पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य सुनिश्चित कर उसे पूर्ण कराएं। फसल अवशेष को लेकर किसानों को जागरूक करें। उन्हें बताएं कि फसल अवशेष जलाने के क्या-क्या दुष्परिणाम होते हैं। सीएम ने कहा कि वर्ष 2020 में संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल-जीवन-हरियाली अभियान की काफी सराहना हुई थी। मुझे भी संयुक्त राष्ट्र से निमंत्रण आया था, जिसमें हमने यहीं से अपनी बातें रखी थीं। जल-जीवन-हरियाली अभियान के मिशन निदेशक राहुल कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से कार्यों की अपडेट स्थिति की जानकारी रखी।
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