बिहार
बिहार : के के पाठक और BPSC का विवाद पहुंचा संविधान तक, इस बात की दी गई सख्त हिदायत
Tara Tandi
9 Sep 2023 5:05 AM GMT
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक और BPSC के अध्यक्ष अतुल प्रसाद का बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां के के पाठक का कहना है कि शिक्षकों से पढ़ाने के अलवा और कोई काम ना करवाया जाए तो वहीं बीपीएसी ने भी के के पाठक को फटकार लगाई है. ऐसे में अब ये मामला संविधान तक पहुंच गया है. बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव ने सीधे तौर पर शिक्षा विभाग को ये हिदायत दी है कि भविष्य में ऐसा कोई भी पत्र नहीं लिखा जाए.
BPSC सचिव ने दी ये हिदायत
उनके इस हिदायत के बाद मामला और भी बढ़ता नजर आ रहा है. बता दें कि शिक्षा विभाग के तरफ से बिहार लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा गया था. जिसके बाद अब BPSC ने भी पलटवार किया है. बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को ये सख्त हिदायत दी है कि ऐसा कोई भी पत्र आगे से BPSC के पास नहीं आना चाहिए. सचिव रवि भूषण ने कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिक्शन आयोग की आंतरिक प्रक्रिया है. इसमें शिक्षा विभाग या फिर राज्य सरकार दखल नहीं दे सकता है. अगर आपको मालूम ना हो तो जाकर पहले संविधान के प्रावधानों को पढ़ ले.
अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर साधा था निशाना
BPSC के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि "सरकार अपने अधिकारियों की नियुक्ति करती है और बाद में बदलाव करती है. इससे हमें कोई सरोकार नहीं है, लेकिन इस बहाने जिन तत्वों ने हमारे टीआरई-डीवी को रद्द कराने की कोशिश की, उन्हें और अधिक प्रयास करना चाहिए." उनके इस ट्वीट से ये साफ नजर आ रहा है कि उन्होंने के के पाठक को लेकर ये बात कहीं है. वहीं, ये भी साफ है कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अब रुकने वाली नहीं है.
क्या है पूरा मामला
शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद ने बीएससी के सचिव को पत्र लिखा है. जारी किये गए पत्र में कहा गया है कि सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की गई थी. जिसमें ये बात सामने आई है कि सभी जिलों में शिविर का आयोजन किया गया है और सभी आवेदकों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया जा रहा है. जिसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मी और जिलों के शिक्षक को भी इस काम के लिए लगाया गया है. जिसको लेकर शिक्षा विभाग का कहना है कि हम ये स्वीकार नहीं करेंगे. ये गलत हो रहा है और ये बिल्कुल भी शिक्षा हित में नहीं है.
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