बिहार
बिहार : बालू खनन पर सख्ती, अब नियमों-शर्तों का करना होगा पालन
Tara Tandi
28 July 2023 11:24 AM GMT
x
मानसून सीजन खत्म होने के साथ ही एक अक्टूबर से राज्य की नदियों से बालू खनन शुरू हो जायेगा, इससे पहले सभी 900 बालू घाटों के पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है. इसमें खास बात यह है कि इस बार बालू का पट्टा-ठेका लेने वाले बालू कारोबारियों को खान एवं भूतत्व विभाग की कई शर्तों का पालन करना होगा. इसके बगैर बालू का ठेका-पट्टा मिलने के बाद वे नदियों से खनन नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही इस बार राज्य में बालू बंदोबस्ती का काम जिलाधिकारियों के माध्यम से किया जा रहा है.
साथ ही घाटों की बंदोबस्ती कम से कम पांच साल के लिए की जानी है. इन पांच वर्षों में घाटों पर बालू के वैध कारोबारी अपनी मनमानी नहीं कर सकें और सरकार को पर्याप्त राजस्व मिले, इसके लिए कई शर्तें तय की गयीं. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेटलमेंट के इच्छुक कारोबारियों को कम से कम तीन शर्तों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा.
ये नियम मानना है जरूर
''खनन के लिए बोली लगाकर पट्टा-अनुबंध प्राप्त करने वाले बंदोबस्तधारी को सबसे पहले उन वाहनों का निबंधन कराना होगा, जिनसे खनन व परिवहन करना है, उन्हें खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर निबंधन कराना होगा. जेसीबी, हाइवा, ट्रक या ट्रैक्टर बगैर निबंधन न तो बालू खनन कर सकेंगे, न ही बालू का परिवहन, क्योंकि इनके बगैर चालान निर्गत नहीं होगा.''
''खास बात यह है कि इन वाहनों पर जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा, अगर जीपीएस नहीं लगा होगा तो ऐसे वाहनों का खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर निबंधन नहीं हो सकेगा.''
''बंदोबस्तधारियों को बालू घाट या उसके आसपास वे-ब्रिज बनाना होगा ताकि वाहनों का वजन कर यह पता चल सके कि बालू परिवहन करने वाले वाहन ओवरलोड हैं या नहीं.''
''पट्टाधारियों को जो बालू घाट उपलब्ध कराये गये हैं, उन घाटों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाने होंगे, ताकि विभाग को जानकारी रहे कि निर्धारित मात्रा से अधिक बालू का खनन या परिवहन तो नहीं हो रहा है.''
Tara Tandi
Next Story