बिहार

केंद्र से बिहार को योजना मदद में सिर्फ 11% राशि मिली

Harrison
2 Oct 2023 9:54 AM GMT
केंद्र से बिहार को योजना मदद में सिर्फ 11% राशि मिली
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बिहार | बिहार में केंद्र सरकार की उपेक्षा के कारण केंद्रीय योजनाएं गति नहीं पकड़ पा रही हैं. केंद्र से बिहार को योजना मद में छह माह बीत जाने के बावजूद महज 11 फीसदी राशि मिली है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब 44 हजार करोड़ रुपये मिलना है. केंद्र सरकार से अबतक मात्र पांच हजार करोड़ रुपये ही मिले हैं. इससे राज्य में केंद्र प्रायोजित योजनाओं को जमीन पर उतारने में राशि की कमी से बाधा उत्पन्न हो रही है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में मुख्य रूप से आंगनबाड़ी केंद्र, मनरेगा और सर्व शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाली राशि जरूरत के हिसाब से बहुत ही कम मिली है. दूसरी ओर, केंद्र सरकार द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. साथ ही, केंद्र द्वारा पिछले वर्षों में दी गयी राशि का हिसाब भी मांगा जा रहा है. हालांकि, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत बिहार को चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक के बीच राशि नहीं आई थी. केंद्र सरकार ने इन योजनाओं के लिए में पहली किश्त के रुपये आए. बिहार सरकार द्वारा सिंगल नोडल एकाउंट में जमा राशि का ब्योरा केंद्र को भेजने के बाद विशेष सहायता अनुदान मद में करीब छह हजार करोड़ जारी किया है.
केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में 42 हजार करोड़ मिला
वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में चालू वित्तीय 2023-24 में राज्य को अभी तक करीब 42 हजार करोड़ की राशि मिली है. चूंकि यह राशि एक निर्धारित फॉर्मूले के तहत मिलती है, इसलिए समय पर आ जाती है. केंद्रीय करों में राज्यों की 14 किश्त में हिस्सेदारी दी जाती है, वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्र से बिहार को एक लाख करोड़ मिलना है. गौरतलब है कि बिहार ने इसके फार्मूले पर भी कई बार सवाल खड़े किए हैं.
विभागों से मांगी गई जानकारी
राज्य सरकार ने सभी विभागों से केंद्र से योजना मद में मिलने वाली राशि की अद्यतन जानकारी भी मांगी है. कुछ योजनाओं की राशि सीधे विभाग को ही केंद्र द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में इसको लेकर राज्य स्तर पर बैठक आयोजित की जानी है.
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