बिहार

बिहार : बेटी पढ़ाओ के बिहार में वास्तविकता, सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Admin2
28 Jun 2022 9:12 AM GMT
बिहार : बेटी पढ़ाओ के बिहार में वास्तविकता, सर्वे रिपोर्ट में हुआ खुलासा
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जनता से रिश्ता : रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ लड़कियां ही नहीं, लड़कों की भी पढ़ाई पूरी नहीं हो पा रही है। सूबे में 21.8 प्रतिशत छात्र भी पांच वर्ष या उससे कम पढ़ पाते हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय उप निदेशक (शिक्षा) जीवेंद्र झा का कहना है कि स्कूलों में ड्रॉपआउट रोकने के लिए सभी जिलों में अभियान चल रहा है। इसकी मॉनिटरिंग भी हो रही है। आकांक्षी जिला में शिक्षा के क्षेत्र में मुजफ्फरपुर को अवार्ड भी मिला है, लेकिन ऐसी रिपोर्ट आई है तो सभी जिलों के डीईओ से इस पर बात की जायेगी।

फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में कहा गया है पूरे सूबे में 9.3 प्रतिशत बच्चियां और 16.5 प्रतिशत बच्चे ही 12 वर्ष या उससे अधिक की स्कूली शिक्षा पूरी कर पाते हैं। 13.9 प्रतिशत बच्चियां पांच से सात वर्ष तक की स्कूली शिक्षा ले पाती हैं। 11.6 प्रतिशत बच्चियां आठ से नौ वर्ष तक और सिर्फ 8.1 प्रतिशत बच्चियां 10 से 11 वर्ष तक अपनी पढ़ाई स्कूल में जारी रख पाती हैं। सूबे में 38.9 प्रतिशत बच्चियां पूरी तरह स्कूल से ड्रॉपआउट हैं।

सोर्स-hindustan

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