बिहार
बिहार पॉलिटिक्स : बीजेपी का बिहार सरकार को घेरा, अपमानित करने का राज्यपाल को लगाया आरोप
Manish Sahu
25 Aug 2023 12:00 PM GMT
x
बिहार: कुलपति की नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार का शिक्षा विभाग और राजभवन आमने-सामने है. बीजेपी अब इसे दलित राज्यपाल के अपमान के रूप में देख रही है. बीजेपी का मानना है कि बिहार सरकार एक दलित राज्यपाल को अपमानित करने का काम कर रही है. बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच खींचतान को लेकर सियासी घमासान मचा है. कुलपति की नियुक्ति को लेकर शिक्षा विभाग और राजभवन की तरफ से आवेदन निकाले गए हैं. अब शिक्षा विभाग के इस कदम को राज्यपाल के अधिकारों के हनन से जोड़कर देखा जा रहा है.
शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच क्या है विवाद?
शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच कुलपतियों के मामले को लेकर ठनी
शिक्षा विभाग ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी की
राज्य के 5 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए अधिसूचना जारी की
अधिसूचना पर विभाग के सचिव बैद्यनाथ प्रसाद के हस्ताक्षर हैं
पीआर नंबर 007376 (शिक्षा) 2023-24 के तहत अधिसूचना जारी हुई
मांगे गए उम्मीदवारों के पास 10 साल के शैक्षणिक अनुभव की अनिवार्यता
इस कदम को राज्यपाल के अधिकार का हनन माना जा रहा
राज्यपाल सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं, उन्हें VC नियुक्त करने का अधिकार
कुलपति सचिवालय ने भी कुलपतियों के लिए जारी की है अधिसूचना
राज्य के सात विश्वविद्यालयों के लिए जारी की है अधिसूचना
VC पद के लिए आवेदकों के लिए शर्तें दोनों विज्ञापनों में एक समान
यह भी पढ़ें- लालू यादव के लिए आज का दिन अहम, होगी जेल या मिलेगी राहत!
राज्यपाल को अपमानित करने का लगाया आरोप
अब शिक्षा विभाग और राजभवन के इस खींचतान को बीजेपी राजनीतिक रूप से कैश कराने में लग गई है. उसने सीधे बिहार सरकार पर अपने तरकश से शब्दों के बाण छोड़ते हुए इसे दलित राज्यपाल के अपमान से जोड़ दिया है और कहा कि महामहिम राज्यपाल दलित वर्ग से आते हैं. इसलिए सरकार उनके प्रति नजरिया ठीक नहीं रखती. ये सरकार सबसे लड़ना चाहती है. जबकि मिल जुलकर ही विकास किया जा सकता है. टकराव से नहीं.
जेडीयू-आरजेडी ने बीजेपी को घेरा
वहीं, महागठबंधन के घटक दल जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी पर सियासत करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अब हर चीज में कास्ट नजर आ रहा. राज्यपाल और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं. राजभवन की अपनी शक्तियां हैं और शिक्षा विभाग का अलग काम है. दोनों अपना-अपना काम कर रहे हैं, लेकिन जिस तरीके से बीजेपी इसे जातीय एंगल देने में लगी है. वह दुर्भाग्यपूर्ण है.)
BJP के आरोपों पर सत्ता पक्ष का पलटवार
सत्ता पक्ष के इस तर्क को वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का भी समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश के बीच बेहतर संबंध हैं. ये कई मौके पर दिखा भी है. सभी राजनीतिक दलों को ऐसी सियासत से बचना चाहिए.
विपक्ष की सरकार और राज्यपाल के बीच में तनातनी कई राज्यों में देखने को मिलती है, लेकिन बीजेपी ने दलित राज्यपाल को परेशान करने की बात कहकर एक नया राजनीतिक विवाद शुरू कर दिया है. हालांकि इस विवाद के बीच सीएम नीतीश ने राज्यपाल अर्लेकर से मुलाकात भी की है. बहरहाल, राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच में जब-जब विवाद हुआ तो नुकसान छात्रों को ही उठना पड़ा है.
Next Story