बिहार
साइबर अपराध रोकने के लिए बिहार पुलिस ने की खास तैयारी, हॉटस्पॉट बने इन 6 जिलों में चलेगा विशेष अभियान
Renuka Sahu
19 Feb 2022 2:13 AM GMT
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फाइल फोटो
साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राज्य के छह जिलों में विशेष अभियान चलेगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साइबर अपराध की रोकथाम के लिए राज्य के छह जिलों में विशेष अभियान चलेगा। साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के तौर पर पटना, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, गया और जमुई जिलों को चिह्नित करने के बाद जिला पुलिस को विशेष टास्क सौंपे गए हैं। शुक्रवार को इन जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में एडीजी ईओयू नैयर हसनैन खान ने कई बिंदुओं पर कार्रवाई के दिशा-निर्देश जारी किए।
फर्जी दस्तावेज पर सिम देने पर होगी सख्त कार्रवाई
पटना उच्च न्यायालय द्वारा साइबर अपराध के संबंध में शिव कुमार बनाम बिहार सरकार में पारित आदेश पर सख्ती से अमल करने को लेकर एडीजी ईओयू ने कानून विशेषज्ञों के साथ ही नवादा, नालंदा, शेखपुरा और पटना के सिटी एसपी के साथ बैठक की। इसमें आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल के अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में साइबर अपराध के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया का निर्माण और फर्जी दस्तावेज पर जारी सिम कार्ड को लेकर मोबाइल कंपनियों से मिली शिकायतों पर कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई। एडीजी ने ऐसी किसी भी शिकायत पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज करने और इसकी सूचना ईडी और आयकर विभाग को देने का निर्देश दिया।
प्रभावित थानों को चिह्नित कर सूची तैयार होगी
एडीजी ने साइबर अपराध के हॉटस्पॉट के तौर पर चिह्नित 6 जिलों के वैसे थाना क्षेत्र की पहचान के आदेश दिए जहां ज्यादा घटनाएं सामने आ रही हैं। उन्होंने प्रभावित थानों के साथ वहां सक्रिय साइबर अपराधियों की सूची बनाने और गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने के भी आदेश दिए। इन 6 जिलों में साइबर अपराध के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए एएसपी या डीएसपी (मुख्यालय) को समन्वय पदाधिकारी भी बनाने का निर्देश दिया गया।
संपत्ति भी जब्त होगी
बैठक के दौरान यह भी तय हुआ कि साइबर अपराध में लिप्त बदमाशों की संपत्ति की विस्तृत जानकारी जुटाई जाए। संपत्ति की सूची बनाएं और पीएमएल एक्ट के तहत इसे जब्त करने का प्रस्ताव ईओयू को भेजने का भी दिशा-निर्देश दिया गया। साइबर सेल के डीएसपी कुमार सागर ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए साइबर अपराध से जुड़ी अहम जानकारियों को साझा किया।
आईटी एक्ट जरूर लगाने के निर्देश
साइबर अपराध के कांडों में आईटी एक्ट अवश्य लगाए जाएं। इसका सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का आदेश एडीजी द्वारा पुलिस अधिकारियों को दिया गया। आईटी एक्ट लगने के बाद इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के अधिकारी कांड के आईओ नहीं हो सकते इसका ख्याल रखने को भी कहा गया है। चुकी ऐसे मामलों में इंस्पेक्टर रैंक से उपर के अफसर ही आईओ हो सकते हैं इसलिए यह जरूरी है। एडीजी ने यह भी बताया कि सब-इंस्पेक्टर को आईटी एक्ट के तहत आईओ बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
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