बिहार
बिहार : लगातार बढ़ रहा डेंगू मरीजों की संख्या, नए स्ट्रेन से ज्यादा खतरा
Tara Tandi
18 Sep 2023 9:11 AM GMT
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बिहार में डेंगू कहर बनकर बरप रहा है. जहां मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अस्पतालों में मरीजों का तांता लगा है. रविवार को राजधानी पटना में डेंगू के 63 नए केस मिले. वहीं, प्रदेश में 240 नए मरीज मिले हैं. पटना में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 700 के पार पहुंच गई है तो वहीं राज्य में 2035 लोग इससे पीड़ित हो चुके हैं. राज्य के 12 सरकारी अस्पतालों में 204 मरीज भर्ती हैं. पटना एम्स में 24, पीएमसीएच में 3, जीएमसी बेतिया में 3, मधेपुरा में 3, जीएमसी पूर्णिया में 10 और पावापुरी मेडिकल कॉलेज में 18 मरीजों का इलाज चल रहा है.
नया स्ट्रेन पता करने के लिए हर दिन सीरोटाइपिंग जांच
मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच प्रदेश में डेंगू का नया स्ट्रेन पता करने के लिए हर दिन सीरोटाइपिंग जांच की जा रही है. दरअसल, डेंगू का स्ट्रेन DENV-4 बिहार में नहीं मिलता, लेकिन अब ये स्ट्रेन भी मिलने लगा है. इससे प्रकोप और बढ़ने का संकेत मिलता है. शनिवार को 13 सैंपलों की सीरोटाइपिंग में 10 में DENV-3 और दो में DENV-2 स्ट्रेन मिला है. DENV-2 को ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इससे पीड़ित होने पर मरीज हेमोरेजिक फीवर से पीड़ित हो जाता है. शरीर से ब्लीडिंग की शिकायत होने लगती है. प्लेटलेट्स कम हो जाती है और जान जाने का खतरा बढ़ जाता है.
लगातार बढ़ रहे हैं मामले
राजधानी पटना के साथ ही लखीसराय में भी डेंगू मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. शनिवार को डेंगू के 4 नए मरीज की पुष्टि हुई है. जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नगर परिषद ने अभियान शुरू किया है. ताकि बीमारी की रोकथाम हो सके. बेगूसराय में भी डेंगू मरीजों के आंकड़े डराने लगे हैं. बात करें जिले के मुख्यालय पोखरिया की तो सिर्फ पोखरिया में अब तक 250 से ऊपर लोग इस संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. कई लोग ठीक हुए हैं तो कुछ लोग काल के गाल में भी समा चुके हैं.
बड़ी संख्या में लोग डेंगू का शिकार
अमूमन वार्ड में बड़ी संख्या में लोग डेंगू का शिकार हो रहे हैं. अस्पतालों में लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है. वहीं, जिला प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए समुचित दावे कर रहा है. डेंगू का वार बिहार के ज्यादातर जिलों में देखने को मिल रहा है. कुछ जिलों और अस्पतालों में तो बेहतर इंतजाम किए गए हैं, लेकिन कुछ अस्पताल अभी भी ऐसे हैं जहां व्यवस्था में सुधार की जरूरत है ताकि बीमारी से जंग आसान हो सके.
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