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बिहार: अब इस एप से होगी होम आइसोलेशन वाले एक हजार मरीजों की निगरानी, जरूरत पड़ने पर कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में होंगे भर्ती

Renuka Sahu
15 Jan 2022 2:31 AM GMT
बिहार: अब इस एप से होगी होम आइसोलेशन वाले एक हजार मरीजों की निगरानी, जरूरत पड़ने पर कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में होंगे भर्ती
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फाइल फोटो 

बिहार में सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के तहत संचालित बेलट्रॉन द्वारा तैयार ‘हिट कोविड’ एप के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे एक हजार कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी शुरू हो गयी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग के तहत संचालित बेलट्रॉन द्वारा तैयार 'हिट कोविड' एप के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे एक हजार कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी शुरू हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि शुक्रवार से हिट एप का क्रियान्वयन राज्य में शुरू कर दिया गया है।

शुक्रवार को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमृत ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में इस एप से काफी सुविधा हुई थी। करीब 1.5 लाख संक्रमितों की तब निगरानी की गयी थी। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि हिट एप को लेकर दो दिन आशा व एएनएम को ट्रेनिंग दी गई थी।
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की निगरानी की संख्या और बढ़ेगी। वहीं, अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को हिट एप पुन: उपयोग का निर्देश दिया। एप के माध्यम से निगरानी के बाद आवश्यकता पड़ने पर मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर अथवा कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा।
शहरी क्षेत्र में संक्रमण के अधिक हैं मरीज
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमण का प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक है। राज्य में अभी 34 हजार 84 सक्रिय मरीज है। इनमें पटना में ही 13,927 सक्रिय मामले हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर, मुंगेर सहित अन्य छोटे-छोटे शहरों में भी सक्रिय मरीज अधिक हैं। राज्य के 391 प्रखंडों में कोरोना संक्रमण का प्रसार है।
घरों में प्राइवेट मेडिकल किट से जांच की वैधानिकता नहीं
स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने एक प्रश्न पर कहा कि कोई भी मरीज घर में कोरोना किट से खुद की जांच कर सकता है, लेकिन सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थानों में एंटीजन, आरटीपीसीआर व ट्रूनेट जांच को ही वैधानिक माना गया है और इनकी एंट्री कोविन पोर्टल पर की जाती है। उन्होंने ब्रह्मदेव मंडल नाम व्यक्ति द्वारा वैक्सीन की गई डोज लिए जाने के मामले में कहा कि इसकी रिपोर्ट आईसीएमआर को भेज दी गयी है। वैक्सीन के उनके शारीरिक क्षमता पर किसी प्रकार के प्रभाव की जांच का कोई प्रस्ताव नहीं है।
संक्रमित को पूरी तरह स्वस्थ होने में दो सप्ताह लग रहे
राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के पूरी तरह से स्वस्थ होने में 10 से 14 दिनों का वक्त लग रहा है। कोरोना संक्रमित निगेटिव होने के बावजूद सर्दी व खांसी का असर लंबे समय तक रह रहा है। कई में एलर्जी की परेशानी भी है। इससे संबंधित प्रश्न पर अमृत ने कहा कि विभाग आईसीएमआर की गाइडलाइंस को फॉलो कर रहा है। देशभर में संक्रमितों के स्वस्थ होने का औसत समय 5 से 7 दिन है। इसके बावजूद, विभाग पूरी तरह सतर्कता बरत रहा है।
5.93 करोड़ पहली डोज दी गई
बताया कि राज्य में 5.95 करोड़ कोरोना टीकाकरण लक्ष्य के विरुद्ध अबतक 5.93 करोड़ टीके की पहली डोज दी जा चुकी है। वहीं 4.44 करोड़ दूसरी डोज दी गई है। 15 से 18 वर्ष के किशोरों को 25 लाख डोज दी गई है। 1.88 लाख बूस्टर डोज दी जा चुकी है।
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