जनता से रिश्ता वेबडेस्क : राज्य मुख्यालय से मिले दिशा- निर्देश के आलोक में शनिवार की तड़के सारण व भोजपुर में बालू माफियाओं के खिलाफ चलाया गए अभियान की खबर लीक हो गयी थी। इस कारण जितनी सफलता मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिल सकी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बालू माफिया पुलिस प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक अपनी पैठ बनाये हुए हैं। इस कारण बालू के खेल को ध्वस्त करने में प्रशासन के वरीय अफसरों को पूरी सफलता नहीं मिल रही है। तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की कहावत को बालू माफिया चरितार्थ कर रहे हैं।लाल सोने के रूप में विख्यात लाल बालू के काले खेल में शामिल लोग अब सर्विलांस को मात देने के लिए व्हाट्सएप कॉल और चैटिंग का सहारा ले रहे हैं। माफियाओं के इस बदले ट्रेंड ने ईओयू को तकनीकी रूप से कठिन चुनौती पेश की है। आलम यह है कि मोबाइल नम्बर को ट्रेस करने में जिस सर्विलांस सेल को महारत हासिल हो चुकी थी, अब नई चुनौती का तोड़ खोजने में पसीना बहाना पड़ रहा है। जिले में पिछले कुछ दिनों से सामने आए कई प्रकरणों में यह बात सामने आ चुकी हैं कि बालू माफिया और उन्हें सरंक्षण देने वाले अफसर कार्रवाई से बचने के लिए मोबाइल का प्रयोग करने का तरीका बदल डाले हैं।