बिहार
बिहार : इस गांव में नहीं हो सकेगी शराब तस्करी, ग्रामीणों की अनोखी पहल
Tara Tandi
24 Sep 2023 1:32 PM GMT
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अवैध तरीके से शराब तैयार करने वाले और शराबी, दोनों ही बिहार में बाज नहीं आ रहे. शराबियों को देखते हुए ग्रामीणों ने एक होकर ठोस फैसला लिया है. शराब की तस्करी या कोई भी शराबी पकड़े जाते हैं तो ग्रामीण उन्हें प्रशासन के हवाले कर देंगे. वैसे तो बिहार में शराब पूरी तरीके से प्रतिबंधित है. शराब बनाने और इसकी खरीद-बिक्री कानूनन जुल्म है, लेकिन बिहार में शराब तस्करी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा. वहीं, कुछ तो घर में ही शराब बनाते पकड़े जा रहे हैं और इस तरह से बनाए गए शराब कई बार जानलेवा भी साबित हो रही है. बिहार से सटे राज्यों से शराब तस्कर विदेशी शराब को आए दिन कई पैंतरे अपनाकर राज्यभर में शराब की तस्करी करते रहते हैं.
इस गांव में नहीं हो सकेगी शराब तस्करी
कभी ट्रक, कभी कार तो कभी किसी तरह से छिपाकर शराब की तस्करी करते हुए कई गाड़ी पकड़े जा चुके हैं. इसी को लेकर कटिहार के अमदाबाद प्रखंड अंतर्गत दुर्गापुर पंचायत के बालमुकुंद टोला गांव में शराबियों से तंग आकर ग्रामीणों ने मिलकर एक विशेष कदम उठाया है. ग्रामीणों में हिंदू-मुस्लिम ने आपस में बैठकर शराब बेचने वाले और पीने वालों के खिलाफ एक ठोस निर्णय लिया है. इस निर्णय में पूरे ग्रामीणों ने सहयोग जताया है.
ग्रामीणों की अनोखी पहल
स्थानीय ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि वैसे तो बिहार में शराब पूरी तरीके से प्रतिबंधित है, लेकिन यहां पर आए दिन चोरी चुपके से देशी शराब बनाए जाते थे. शराब बंदी के बावजूद खुलेआम बिक्री भी किया जाता था, जिसे पीकर गांव के एवं बाहर के लोग उपद्रवी मचाते थे. जिससे सभी के परिवार लगभग प्रभावित थे. समाज एक कुकृति की ओर बढ़ रहा था. परिवार के साथ-साथ बच्चे बूढ़े प्रभावित हो रहे थे. लोग शिक्षित होने की बजाए शराबी बना रहे थे, नशे का सेवन कर रहे थे. समाज के इस निर्णय में महिलाओं ने भी पूरा अपना योगदान जताते हुए कहा कि आए दिन रात के समय लोग शराब पीकर गाली-गलौज करते हैं. वहीं, अपराध का ग्राफ भी बढ़ गया था, जिससे हम लोग भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे थे.
गांव में नहीं हो सकेगा शराब खरीद-बिक्री
ग्रामीणों ने इस प्रकार का कदम उठाया है, जो सराहनीय है. गांव में आज के बाद कोई भी शराब खरीद बिक्री नहीं कर पाएंगे. ग्रामीण खुद उसे प्रशासन के हवाले करेंगे. इसका एक प्रकार का बॉन्ड तैयार किया गया है, जिसमें लगभग ग्रामीणों ने अपना हस्ताक्षर भी किया. ग्रामीण प्रशासन से भी इस पर सहयोग करने का अपील कर रहे हैं.
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