बिहार

टीबी जांच में बिहार फिसड्डी

Admin Delhi 1
15 Jun 2023 5:43 AM GMT
टीबी जांच में बिहार फिसड्डी
x

भागलपुर न्यूज़: पूरे देश को साल 2025 तक टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है. लेकिन बिहार में जिस तरह से टीबी जांच की रफ्तार है, ऐसे में तो बहुत मुश्किल है कि साल 2025 तक टीबी मुक्त बिहार हो जाए. आलम ये है कि अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार में टीबी जांच की रफ्तार तकरीबन 75 प्रतिशत तक कम हो रही है. आलम ये है कि टीबी जांच के मामले में बिहार देश के टॉप 20 जिलों में भी नहीं है. बिहार से आगे तो झारखंड, सिक्किम, दिल्ली, सिक्किम जैसे छोटे प्रदेश हैं. बड़े राज्य तो फिलहाल आगे हैं ही.

नेशनल ट्यूबरकुलोसिस इलिमिनेशन प्रोग्राम के तहत मार्च में इंडिया टीबी रिपोर्ट नामक पुस्तक जारी हुई. इस पुस्तक की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में हर एक लाख की आबादी में 298 लोगों की टीबी जांच की जा रही है. जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में एक लाख की आबादी पर 801 लोगों की टीबी जांच तो उत्तराखंड में 884, दिल्ली में 1066 तो झारखंड में 898 लोगों की टीबी जांच की जा रही है. अगर हम भागलपुर जिले की बात करें तो यहां की हरेक एक लाख की आबादी पर 611 लोगों की टीबी जांच की जा रही है.

रिपोर्ट में दिया गया है कि बिहार में एक लाख की आबादी में 124 टीबी के मरीज निकल रहे हैं. जबकि यूपी प्रति एक लाख की आबादी पर 218, झारखंड में 140, उत्तराखंड में 230 व दिल्ली मंब 280 टीबी के मरीज मिल रहे हैं. लेकिन इस पर टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. शांतनु कुमार घोष कहते हैं कि इस आंकड़े पर ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है. बिहार में कम संख्या में टीबी की जांच हो रही है, इसलिए कम संख्या में टीबी के मरीज निकल रहे हैं. जबकि दूसरे राज्यों में बिहार की तुलना में चार गुना ज्यादा टीबी जांच हो रही है, बावजूद टीबी के मामले चार गुना ज्यादा निकलने के बजाय करीब डेढ़ से पौने दो गुना अधिक ही नहीं निकल रहे हैं. इसका मतलब ये है कि बिहार में अगर जांच संख्या बढ़ेगी तो टीबी के नये मामले और भी बढ़ेंगे. ज्यादा संख्या में टीबी की जांच (611 टीबी जांच प्रति लाख की आबादी) होने के कारण ही भागलपुर में 187 टीबी के मरीज प्रति एक लाख की आबादी पर निकल रहे हैं.

टॉप 10 की सूची में तो हिंदी पट्टी का एक भी राज्य शामिल नहीं

अगर हम देश में प्रति एक लाख की आबादी में सर्वाधिक टीबी जांच की बात करें तो पता चलता है कि टॉप 10 राज्यों में हिंदी पट्टी का एक भी राज्य शामिल नहीं है. अंडमान एंड निकोबार द्वीपसमूह में एक लाख की आबादी में 4103 की टीबी जांच की जा रही है. जो कि इस केंद्र शासित प्रदेश को देश का टॉपर टीबी जांच करने वाला प्रदेश बनाता है. वहीं दूसरे नंबर पर लद्दाख में प्रति एक लाख की आबादी में 4099 व्यक्तियों की टीबी जांच की जा रही है. जबकि एक लाख की आबादी में 3968 लोगों की जांच कर हिमांचल प्रदेश तीसरे नंबर पर है.

राज्य रैंक जांच

अंडमान एंड निकोबार आइलैंड्स 01 4103

लद्दाख 02 4099

हिमांचल प्रदेश 03 3968

लक्षद्वीप 04 3933

दादरा एंड नगर हवेली एंड दमन 05 2945

ओडिशा 06 2590

सिक्किम 07 2510

चंडीगढ़ 08 2312

तमिलनाडु 09 2290

जम्मू-कश्मीर 10 2206

(जांच संख्या प्रति एक लाख की आबादी के अनुसार है.)

Next Story