बिहार

देशभर में हिंदी की सेवा करने वालों को बिहार ने सम्मानित किया

Sonam
1 Aug 2023 7:01 AM GMT
देशभर में हिंदी की सेवा करने वालों को बिहार ने सम्मानित किया
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रौ में थे। देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदी सेवा कर रही 29 हस्तियों को पुरस्कृत-सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री ने राशि बढ़ाने की भी घोषणा कर दी। न्यूनतम पुरस्कार राशि 50 हजार की जगह एक लाख कर दी। दो लाख वाली पुरस्कार राशि को तीन लाख कर दिया। 14 सितंबर को हर साल विभिन्न श्रेणियों के यह सम्मान देने की तारीख सुनिश्चित कर दी। और, बात खत्म करते-करते यह भी निर्देश दे दिया कि जिन लोगों को वर्ष 2020-21 और 2021-22 का पुरस्कार वह अभी दे रहे हैं, उन्हें बढ़ी राशि के हिसाब से शेष राशि जल्द भिजवा दी जाए। उनकी इस घोषणा से लोग चौंक गए और खुलकर स्वागत किया।

दो लाख रूपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें

समारोह के दौरान CM नीतीश कुमार ने कहा कि आप सभी से आग्रह है कि इस कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष 14 सितंबर को घोषित हिन्दी दिवस के दिन करें और उस दिन हिन्दी भाषा को विकसित करनेवाले साहित्यकारों को सम्मानित करें। कविवर सत्यनारायण द्वारा रचित बिहार गीत पूरे बिहार में सभी महत्वपूर्ण बैठकों एवं विभिन्न अवसरों पर बजाया जा रहा है और आज उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हम तो कहेंगे कि उनको पुरस्कार स्वरूप दी जानेवाली दो लाख रूपये की राशि की जगह तीन लाख रुपये प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सबकी मांग को ध्यान में रखते हुए हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत प्रदान की जानेवाली धनराशि में बढ़ोत्तरी करें। हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न पुरस्कारों के तहत दी जानेवाली न्यूनतम धनराशि 50,000 रूपये को बढ़ाकर लाख रूपये से ज्यादा करें। पुरस्कार की राशि को अगली बार बढ़ाकर ही सरकार के पास भेजें। CM नीतीश कुमार ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के आने से लोग पुरानी बातों को भूलने लगे हैं, यह ठीक नही है।

CM नीतीश कुमार ने कहा कि हिन्दी काफी अच्छी भाषा है। इस देश की अधिकांश आबादी आपसी बोलचाल में इसी भाषा का इस्तेमाल करती है। आप सभी से आग्रह है कि इस भाषा को कायम रखते हुए इसे विकसित एवं विस्तारित करने पर विशेष बल दें। आज कल यह देखने को मिल रहा है कि हिन्दी के शब्दों को भी लोग अंग्रेजी में लिखने लगे हैं, इससे बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अग्रेंजी भी अच्छी भाषा है और सबको जाननी भी चाहिए लेकिन हिन्दी के शब्दों को हिन्दी में ही लिखनी चाहिए। आप सभी लोगों को यही सलाह दें। हिन्दी के शब्दों को अंग्रेजी में लिखने की जरूरत नही है। उन्होंने कहा कि हम जब सांसद और केन्द्रीय मंत्री थे तो कोई भी कानून बनता था तो वह हिन्दी के अलावा अंग्रेजी भाषा में भी लिखा रहता था । हम तो कहेंगे कि हिन्दी में ही आपलोग सब कुछ नोट कराएं। बिहार में सात निश्चय योजना के तहत सभी बच्चे-बच्चियों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान हो सके। बच्चे-बच्चियों को प्रदान किये जा रहे प्रशिक्षण में हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा भी सिखाया जा रहा है ताकि वह अपनी बातें कह सकें और दूसरे की बातों को भी अंग्रेजी में भी समझ सके। हम पुनः आपलोगों से आग्रह करेंगे कि हिन्दी भाषा को विकसित करने पर विशेष ध्यान दें और हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत होनेवाले लोगों की संख्या बढ़ाकर उन्हें पुरस्कृत करें। इस काम में राज्य सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।

Sonam

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