बिहार

शराबबंदी पर बिहार सरकार का नया दांव, ड्रोन, हेलीकॉप्टर के बाद अब मोटरबोट से होगी गश्ती, कंपनियों से मांगा प्रस्ताव

Renuka Sahu
8 March 2022 4:18 AM GMT
शराबबंदी पर बिहार सरकार का नया दांव, ड्रोन, हेलीकॉप्टर के बाद अब मोटरबोट से होगी गश्ती, कंपनियों से मांगा प्रस्ताव
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फाइल फोटो 

ड्रोन, हेलीकॉप्टर और ट्रक स्कैनर के जरिए निगहबानी के बाद राज्य सरकार शराबबंदी को और पुख्ता करने के लिए मोटरबोट के जरिए भी गश्ती कराएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ड्रोन, हेलीकॉप्टर और ट्रक स्कैनर के जरिए निगहबानी के बाद राज्य सरकार शराबबंदी को और पुख्ता करने के लिए मोटरबोट के जरिए भी गश्ती कराएगी। मद्य निषेध विभाग ने इसकी योजना बनाई है। राज्य सरकार शराब के धंधे पर निगरानी के लिए तीन साल के लिए नदियों में मोटरबोट उतारेगी। इसके लिए कंपनियों से प्रस्ताव मांगा गया है।

हाल के दिनों में नदियों के बीच की सूखी जमीन या उनके किनारे वाले इलाके अथवा दियारा क्षेत्रों में शराब बनाने या उनके भंडारण के मामले बड़े पैमाने पर प्रकाश में आए हैं। इस कारण मद्य निषेध विभाग ने शराब के धंधे का समूल नाश करने के लिए नदियों या उसके पास वाले इलाकों को टारगेट किया है।
सामान्य नाव से नदियों के पास या दियारा वाले इलाके में पहुंचना काफी मुश्किल हो रहा है। इसलिए बड़े पैमाने पर मोटरबोट का उपयोग करने की योजना बनाई गई है। हालांकि गंगा नदी से लगे इलाकों में मोटरबोट का उपयोग भी किया जा रहा है। आगे इसे दूसरी नदियों में भी बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाएगा। खासकर ड्रोन की नजर में आने वाले शराब के धंधे वाले केंद्रों तक तुरंत पहुंचने में इसका उपयोग होगा।
तीन साल बाद भी सरकार ले सकती है सेवा
मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की ओर से जारी किए गए आरएफपी के तहत राज्य सरकार फिलहाल तीन साल के लिए कंपनियों से मोटरबोट की सेवा लेगी। आगे जरूरत पड़ने पर उसके बाद भी एक साल या दो साल के लिए सरकार समान शर्तों पर ही मोटरबोट की सेवा आगे बढ़ा सकती है। मोटरबोट देने वाली कंपनी को ही इनके रखरखाव का भी जिम्मा लेना होगा।
फुल बॉडी ट्रक स्कैनर का भी निकाला टेंडर
मद्य निषेध विभाग की ओर से फुल बॉडी ट्रक स्कैनर के लिए भी टेंडर जारी किया गया है। इसे राज्य की सीमा पर प्रवेश वाले पांच चेकपोस्टों पर लगाया जाएगा। ट्रक को इससे होकर गुजारा जाएगा। इससे ट्रक से सामान उतारे बिना भी पता चल जाएगा कि उसके अंदर अल्कोहलिक पदार्थ तो नहीं है। हाल ही में राज्य सरकार ने इस तरह का ड्रोन भी लाने का फैसला किया है, जो वाहनों के ऊपर उड़कर उसके अंदर की सामग्री का लक्षण बता देगा।

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