बिहार

हिट एंड रन के मामलों पर लगाम लगाने के लिए बिहार सरकार ने बनाया फुलप्रूफ प्लान, पुलिस को सौंपी जाएगी अहम जिम्मेदारी

Renuka Sahu
4 Jun 2022 3:46 AM GMT
Bihar government made foolproof plan to curb hit and run cases, important responsibility will be handed over to police
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फाइल फोटो 

हिट एंड रन के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सड़कों पर मानव बल की तैनाती की जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिट एंड रन (धक्का मारकर भागने) के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सड़कों पर मानव बल की तैनाती की जाएगी। सरकार की कोशिश है कि राज्य के उन स्थानों की पहचान कर पुलिस-प्रशासन के कर्मियों की तैनाती की जाए, जहां हिट एंड रन के मामले अधिक हो रहे हैं। मानव बल की तैनाती से यह भी पता चल सकेगा कि आखिर किन कारणों से वहां इस तरह की घटनाएं अधिक हो रही हैं और उसके अनुसार उसका समाधान भी हो सकेगा।

ऐसे हादसे रोकने के लिए आवश्यक उपकरण भी लगाए जाएंगे, जिनमें सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं। परिवहन विभाग के अनुसार पिछले दिनों हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह उभरकर सामने आया कि बिहार में हो रहीं सड़क दुर्घटनाओं में 40 फीसदी मौतें हिट एंड रन से जुड़ी हैं। धक्का मारने के बाद गाड़ी चालक घायलों या मृतकों को सड़क पर ही छोड़कर फरार हो जा रहे हैं।
इस कारण सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या भी देश के अन्य राज्यों से बिहार में अधिक है। इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने तय किया है कि राज्य के प्रमुख स्थलों पर मानव बल की तैनाती की जाए। जरूरत के अनुसार पुलिस के जवान उन चौक-चौराहों पर तैनात होंगे जहां हिट एंड रन के मामले अधिक हो रहे हैं। जरूरत पड़ी तो संविदा पर भी कर्मियों की बहाली की जा सकती है, जिसका काम ही सड़क हादसे पर नजर बनाए रखना होगा।
हादसा होते ही धक्का मारकर भागने वाली गाड़ियों पर नजर रखने के साथ ही मृतकों को अविलंब अस्पताल पहुंचाना इनका दायित्व होगा। बिहार में सबसे अधिक हादसे एनएच 31 पर हो रहे हैं। नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 644 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 520 लोगों की मौत हो गई। वहीं एनएच 28 दूसरे स्थान पर है।
बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर कुल 515 हादसे हुए, जिनमें 443 लोगों की मौत हो गई। एनएच 30 सड़क दुर्घटना के मामले में तीसरे पायदान पर है। पटना व भोजपुर से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 378 हादसे हुए, जिनमें से 279 की मौत हो गई। चौथे पायदान पर एनएच 57 है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा, अररिया व पूर्णिया से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 376 सड़क हादसे हुए, जिनमें 331 की मौत हो गई। पांचवें स्थान पर एनएच 2 है। कैमूर, सासाराम व औरंगाबाद से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 356 सड़क हादसे हुए, जिनमें 295 की मौत हो गई।
हादसा रोकने को ऑडिट भी
सड़क हादसा रोकने को सड़क सुरक्षा ऑडिट भी हो रहा है। इसमें सड़क दुर्घटना के लिहाज से उन सभी कारणों की खोज हो रही है। ऑडिट में यह देखा जा रहा है कि कौन सी सड़क सड़क दुर्घटना के लिहाज से अधिक खतरनाक है और क्यों। रिपोर्ट के आधार पर सड़क दुर्घटना रोकने को आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सड़कों के संरचना में आवश्यक सुधार, संकेतक, स्ट्रीट लाइट, एफओबी निर्माण जैसे काम होंगे।
एक नजर में हादसे
वर्ष दर्ज मामले मृतक जख्मी
2015 9555 5421 6835
2016 8222 4901 5651
2017 8855 5554 6014
2018 9600 6729 6679
2019 10007 7205 7206
2020 8639 6699 7019
2021 9553 7660 7946
2022 3326 2747 2353
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