बिहार

असंवेदनशील नेताओं की जमात बन गई है बिहार सरकार: भाजपा

Shantanu Roy
20 Nov 2022 11:32 AM GMT
असंवेदनशील नेताओं की जमात बन गई है बिहार सरकार: भाजपा
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पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार की नीतीश सरकार के केवल अरवा चावल की खरीद पर लगाई गई रोक पर पुनर्विचार की जरूरत बताते हुए कहा कि प्रदेश की मौजूदा सरकार असंवेदनशील नेताओं की जमात बन गई है। बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने शुक्रवार को यहां बिहार सरकार को संवेदना से शून्य बताया और कहा कि सरकार में बैठे लोग आज इतने मतिशून्य हो चुके हैं कि अब यह आम जनता के खान-पान को भी अपने नियन्त्रण में लेना चाहते हैं। जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकानों के लिए अरवा चावल की खरीद पर रोक लगा रहे इन लोगों को यह तक नहीं पता कि बिहार के पटना, नालंदा जैसे कई जिलों में उसना चावल की मांग अधिक है तो पूर्वी-पश्चिमी चंपारण जैसे कई जिलों के लोग अरवा चावल खाना पसंद करते हैं। जिन जिलों में लोग सैंकड़ों वर्षों से अरवा चावल खाते आ रहे हैं उन्हें जबरन उसना चावल खाने पर मजबूर कैसे किया जा सकता है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि सरकार को यह भी नहीं पता कि बिहार में अधिकांश मिलें अरवा का ही उत्पादन करती हैं।
उदाहरण के लिए चंपारण में 100 से अधिक राइस मिल हैं जिनमें से सिर्फ दो ही उसना चावल तैयार करते हैं। दोनों चावलों के उत्पादन के लिए अलग-अलग मशीनों का उपयोग तथा निबंधन होता है। ऐसे में सरकार का तुगलकी फरमान न केवल राज्य की अधिकांश मिलों का भट्ठा बैठा देगी बल्कि उनमें काम करने वाले मजदूरों और उन्हें धान बेचने वाले किसानों के सामने भूखों मरने की नौबत भी आ जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार के इस अविवेकपूर्ण निर्णय से चावल की कालाबाजारी भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जो लोग उसना चावल नहीं खाते हैं वह या तो चावल का उठाव कर उसे बेचने पर मजबूर होंगे या उठाव न होने पर ऊपर ही ऊपर बेच दिया जाएगा। डॉ. जायसवाल ने कहा कि सरकार एक के बाद एक जिस तरह के काम कर रही है उससे राज्य का भविष्य एक बार फिर से डावांडोल होता जा रहा है। इन्हें लोगों की रसोई में झांकने के लिए समय है लेकिन राज्य पर राज कर रहे अपराधियों के खिलाफ कारवाई करने में भय लगता है। इनके आचरण से ऐसा प्रतीत होता है कि इन्होने एक बार फिर से राज्य का नाम खराब करने की कसम खा ली है। डर इस बात का है कि कहीं भविष्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आलू-बैंगन को सेहत के लिए खराब बताते हुए कहीं उनपर भी प्रतिबंध न लगा दें।
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