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प्रतीकात्मक तस्वीर
जनता से रिश्ता : बिहार में मंदिरों में भगवान के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए लोग चढ़ावा या दान देते हैं। राज्य में सबसे ज्यादा चढ़ावा पटना स्थित महावीर मंदिर में आता है। इसकी सालाना आय भी सबसे अधिक 10 से 12 करोड़ रुपये है। इस वजह से प्रति वर्ष सबसे ज्यादा टैक्स भी महावीर मंदिर ही बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को देता है। वर्तमान में बोर्ड को सालाना डेढ़ से दो करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मिलता है। इसमें करीब आधी राशि सिर्फ महावीर मंदिर से ही प्राप्त होती है।
नियमानुसार, राज्य के जितने भी मंदिर और मठ न्यास बोर्ड से निबंधित हैं, उनसभी को अपनी सालाना आय का चार प्रतिशत सेवा शुल्क के तौर पर टैक्स बोर्ड को देना होता है। इस आधार पर इन सभी की सालाना ऑडिट भी होती है। इस बोर्ड से पूरे राज्य में 5,500 से अधिक मंदिर-मठ निबंधित हैं, लेकिन इनमें सिर्फ 300 ही टैक्स देते हैं। अन्य के न चढ़ावा का ही कोई हिसाब है और न ही इन्हें होने वाले आय की ऑडिट ही होती है। कुछ ऐसे भी निबंधित मंदिर हैं, जो काफी बड़े और प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनमें चढ़ावा कम होने की बात बतायी जाती है। इससे ये टैक्स भी कम देते हैं।
सोर्स-hindustan
Admin2
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