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जनता से रिश्ता : बिहार में मानसून समय पर पहुंच गया, मगर अभी तक कई जिलों में औसत से कम बारिश हुई है। इससे इन जिलों में सूखे जैसे हालात होने की आशंका है। साथ ही राज्य में खरीफ की खेती पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। खरीफ फसल के लिए मौसम का मिजज ठीक नहीं लग रहा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
एक तरफ नेपाल में ज्यादा बारिश होने से उत्तर बिहार की नदियां उफान पर हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य में उम्मीद के मुताबिक बरसात नहीं होने से खेतों में अब भी दरारें पड़ी हैं। नतीजा यह है कि बिचड़ा डालने का अंतिम नक्षत्र 'आर्द्रा' शुरू हुए भी एक सप्ताह हो गया है और अब तक महज 60 फीसदी ही काम हो पाया है। जहां बिचड़ा डाल भी दिया गया, वहां खेतों में फसल सूखने लगी है। नमी की बहुत कमी वाले इलाकों में तो बिचड़ा उगा ही नहीं है।राज्य में अब तक 28 फीसदी कम बारिश हुई है। 20 जिले ऐसे हैं जहां बारिश की कमी 50 फीसदी से ज्यादा है। किशनगंज में 121 फीसदी और अररिया में 98 फीसदी ज्यादा बारिश होने से औसत कमी का आंकड़ा थोड़ा कम हो गया है। मगर इसका सीधा असर खेती पर नजर आ रहा है।
सोर्स-hindustan

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