
न्यूज़क्रेडिट: लाइव हिन्दुस्तान
नीतीश मंत्रिमंडल में बिहार कांग्रेस को तीन मंत्रीपद मिल सकता है। शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच हुई बैठक में इस पर लगभग सहमति बन गई है। हालांकि अंतिम फैसला शनिवार को होने वाली कांग्रेस नेताओं के साथ सोनिया गांधी की बैठक के बाद ही हो सकेगा।
जानकारी के अनुसार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आलाकमान से चार मंत्रीपद की मांग की थी। इसी के अनुसार कुछ संभावित नामों पर भी प्रदेश कांग्रेस ने आलाकमान को सूची दी है। बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने अपने इस निर्णय से आलाकमान को अवगत भी करा दिया है। पार्टी नेताओं के अनुसार शनिवार को सोनिया गांधी राष्ट्रीय व प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ इस मसले पर विमर्श करेंगी। इस बैठक में शामिल होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा शुक्रवार की देर रात दिल्ली पहुंचे।
दूसरी ओर पार्टी आलाकमान का एक धड़ा इस पर भी मंथन कर रहा है कि क्यों न सरकार को बाहर से समर्थन दिया जाए। ऐसे नेताओं का मानना है कि अगर सरकार में शामिल हो गए तो उसका असर संगठन पर होगा। इसलिए सरकार को बाहर से समर्थन देते हुए प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता मिल-जुलकर संगठन को मजबूत करें ताकि वर्ष 2024-25 में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन हो सके। इसलिए शनिवार को सबसे पहले पार्टी इसी मुद्दे पर विचार करेगी। अगर इस विषय पर सहमति नहीं बनी तो फिर मंत्रीपद की संख्या पर बातचीत की जाएगी।
एक अनार-सौ बीमार
वहीं बिहार कांग्रेस में मंत्रीपद को लेकर एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो गई है। पार्टी को कितने मंत्री पद मिलेंगे, भले ही इस पर अब तक अंतिम रूप से कोई औपचारिक निर्णय नहीं आया है लेकिन मंत्री बनने की जुगत में हर विधायक लग गए हैं। स्थिति यह है कि आधा दर्जन से अधिक विधायक दिल्ली कूच कर चुके हैं तो खगड़िया के विधायक छत्रपति यादव खुलेआम पत्र लिखकर अपने आप को मंत्रीपद का दावेदार बता रहे हैं। वैशाली के राजापाकड़ की विधायक प्रतिमा कुमारी भी अपने आप को खुलेआम मंत्रीपद का दावेदार बता चुकी हैं। वहीं दल में तो कुछेक ऐसे नेता भी हैं जो न तो विधायक हैं और न ही विधान पार्षद, लेकिन अपने समर्थकों से आलाकमान को पत्र लिखवाकर मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।