बेगूसराय: बिहार मछली उत्पादन में आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच गया है. 2023-24 में बिहार में मछली उत्पादन 8.73 लाख टन हो गया है. लक्ष्य 8.89 लाख टन था. 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 27 हजार टन अधिक मछली उत्पादन हुआ है. सभी जिलों से मछली उत्पादन की रिपोर्ट पशु व मत्स्य संसाधन विभाग को मिल गई है.
इससे पहले 2021-22 में मछली उत्पादन का लक्ष्य 7.61 लाख टन से बढ़ाकर 8.46 लाख टन किया गया था, जो इसके पहले साल की तुलना में 85 हजार टन अधिक था. माना जा रहा है कि अगले वर्षों में बिहार में मांग से अधिक मछली उत्पादन हो जाएगा. इस साल पानी की कमी के बावजूद मछली उत्पादन में 27 हजार टन ही बढ़ोतरी हो सकी. बिहार में मछली उत्पादन बढ़ने से यहां आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल से मछली मंगाने में कमी आयी है. इससे राज्य को लगभग हजार करोड़ की बचत हुई है. मछली खाने वालों के लिए बिहार की मीठे जल की ताजी मछलियों की उपलब्धता बढ़ी है.
मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए तालाब से लेकर हैचरी निर्माण पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है. राज्य में मछली उत्पादन बढ़ने के साथ ही सालाना मछली की मांग भी बढ़ रही है. वर्तमान में राज्य में मछली की सालाना मांग 9.56 लाख टन है. पिछले साल में मछली की मांग में लगभग लाख टन की वृद्धि हुई है.
जिलावार उत्पादन(2023-24)
मधुबनी 91.78
दरभंगा 82.75
पू.चंपारण 81.09
कटिहार 50.55
मुजफ्फरपुर 40.05
प.चंपारण 37.20
खगड़िया 36.51
बेगूसराय 35.25
नालंदा 30.40
वैशाली 28.23
पटना 26.01
भोजपुर 17.58
बक्सर 8.79
रोहतास 13.41
कैमूर 19.10
गया 10.81
जहानाबाद 1.58
अरवल 1.59
औरंगाबाद 11.89
नवादा 6.47
सीतामढ़ी 19.56
शिवहर 3.4
सारण 17.5
सीवान 12.14
गोपालगंज 15.42
भागलपुर 20.28
बांका 14.75
मुंगेर 11.66
लखीसराय 7.58
शेखपुरा 4.15
जमुई 3.40
सहरसा 13.03
सुपौल 18.00
मधेपुरा 6.27
पूर्णिया 24.09
अररिया 18.4
किशनगंज 7.82
समस्तीपुर 23.80