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बिहारः सीएम नीतीश कुमार का पटना के गांधी मैदान में होगा जलाभिषेक!, सुलतानगंज से जल लेकर निकला किसान

Renuka Sahu
6 Feb 2022 5:06 AM GMT
बिहारः सीएम नीतीश कुमार का पटना के गांधी मैदान में होगा जलाभिषेक!, सुलतानगंज से जल लेकर निकला किसान
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फाइल फोटो 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जलाभिषेक किया जाएगा। सुनकर चौंक गए आप! ये बिहार है, यहां कुछ भी हो सकता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जलाभिषेक किया जाएगा। सुनकर चौंक गए आप! ये बिहार है, यहां कुछ भी हो सकता है। एक किसान ने इसका जिम्मा उठाया है और उन्होने भागलपुर के सुल्तानगंज से पटना के लिए कांवरयात्रा शुरू कर दिया है। इस खबर को जरा गौर से पढ़िए।

यूं तो देवी-देवताओं की पूजा तो सभी जगह होती है। आपने मां-पिता, शिक्षक अन्य किसी आदर्श व्यक्ति को देवतुल्य मानकर उनकी पूजा किए जाने की बातें कई बार सुनी होगी। कोई सम्मान भेंटकर अपने आदर्श व्यक्तित्व की पूजा करता है, तो कोई भगवान की तस्वीर के पास अपने आदर्श जनों को स्थापित कर देता है। पर, आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी और किसान समाज की समस्याओं से त्रस्त होकर नेताओं को ही देवतुल्य मान लिया है। समस्तीपुर के रहने वाले ये किसान हैं गौरीशंकर मिश्रा जिन्होने सीएम नीतीश कुमार को भगवान मान लिया है। किसान गौरीशंकर ने सुलतानगंज से पटना तक की कांवर यात्रा का कठिन सफर शुरू कर दिया है। लंबी पदयात्रा करते हुए पटना पहुंचकर वे गांधी मैदान में वे सीएम नीतीश कुमार की जलार्पण करेंगे।
दरअसल, समस्तीपुर के खानपुर थाना क्षेत्र के रंजीतपुर गांव वार्ड नंबर एक निवासी गौरीशंकर मिश्रा का दर्द है जिसकी परवाह करने वाला कोई नही है। मुख्यमंत्री को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए गौरीशंकर ने यह तरीका अपनाया है। उन्होने भागलपुर जिले के सुलतानगंज से गंगाजल लेकर पटना के लिए किसान कांवर यात्रा शुरू की है। कर्ज के बोझ से दबे किसानों की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने यह संकल्प उठाया है।
चुनाव जीतने के बाद देवता हो जाते हैं नेताजी
सीएम नीतीश कुमार के नाम पर ही जलार्पण क्यों, के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी कोई नेता सांसद या विधायक बनते हैं, तो वे देवतुल्य हो जाते हैं। ऐसे लोग चुनाव जीतने के बाद बार-बार यही एहसास कराते हैं। इसलिए हमें भी मानना होगा कि वे देवतुल्य हैं और अपने देवतुल्य नेताओं की पूजा-अर्चना कर हम अपनी समस्याओं का हल पा सकते हैं। वे शनिवार की रात लखीसराय के विद्यापीठ चौक स्थित बजरंगवली मंदिर में रात्रि विश्राम पर रूके। उन्होंने 31 जनवरी को ही किसान कांवर यात्रा शुरू की है। उन्होंने पिछले छह दिनों में जहांगीरा, बरियारपुर, हसनगंज काली मंदिर, अमरपुर, निस्ता कैलाशधाम के बाद लखीसराय के विद्यापीठ चौक स्थित मंदिर में विश्राम किया है। 42 वर्षीय गौरीशंकर मिश्रा का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि वे अपने देवतुल्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रसन्न करने में कामयाब होंगे।
गांव से निकले थे 35 लोग
गौरीशंकर मिश्रा गांव से अकेले ही नहीं बल्कि अपने 35 अन्य गांव के किसानों के साथ समस्तीपुर से भागलपुर के लिए निकले थे। सुलतानगंज में गंगा जल लेने के बाद एकमात्र गौरीशंकर ने अपना रास्ता बदल लिया। गौरीशंकर के साथ रहे अन्य 34 लोग देवघर में भोले बाबा को जल समर्पित करने के लिए निकल गए और इकलौते गौरीशंकर पटना गांधी मैदान के लिए रवाना हो गए। अन्य किसानों के साथ नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे लोग मेरे लिए देवघर गए हैं कि भोले बाबा उनकी सीएम नीतीश कुमार को अराधना करने की योजना को सफल करें। देवघर में हमारे अन्य किसान भाइयों की भोले बाबा यदि सुन लेंगे तो मेरी पूजा भी सफल होगी। उन्होंने बताया कि किसान वर्ग काफी कमजोर पड़ गए हैं। विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री देवतुल्य हैं, हमलोग तो वहां तक पहुंच भी नहीं सकते हैं। इसलिए हम ऐसे नेताओं की पूजा अर्चना करते हैं, निवेदन करते हैं कि वे हमारी दुखों को सुनें, हमारे कर्ज के बोझ को खत्म करें, किसानों की जो भी समस्याएं हैं, उनका निदान हो। गांधी मैदान में ही हम उनका पार्थिव लिंग बनाएंगे और जलार्पण करेंगे। गौरीशंकर कहते हैं कि यह जन कल्याण यज्ञ है।
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