बिहार

बिहार सीएम नीतिश कुमार ने की केंद्र सरकार की प्रशंसा, कहा-संसद में "Women Reservation Bill" पेश किया जाना स्वागत योग्य कदम

SANTOSI TANDI
20 Sep 2023 3:56 AM GMT
बिहार सीएम नीतिश कुमार ने की केंद्र सरकार की प्रशंसा, कहा-संसद में Women Reservation Bill पेश किया जाना स्वागत योग्य कदम
x
पेश किया जाना स्वागत योग्य कदम
बिहार :के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संसद में महिला आरक्षण बिल पेश किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं और बिहार में हम लोगों ने कई ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि संसद में महिला आरक्षण के दायरे में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की तरह पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि प्रस्तावित बिल में यह कहा गया है कि पहले जनगणना होगी। उसके पश्चात निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन होगा, इसके बाद ही प्रस्तावित बिल के प्रावधान लागू होंगे। इसके लिए जनगणना का काम शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना तो वर्ष 2021 में हो जानी चाहिए थी, यह अभी तक नहीं हो सकी है। जनगणना के साथ जातिगत जनगणना भी करानी चाहिए तभी इसका सही फायदा महिलाओं को मिलेगा। यदि जातिगत जनगणना हुई होती तो पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था तुरंत लागू किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 से हमने बिहार में पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। मुख्यमंत्री ने एक्स हैंडल से लिखा कि वर्ष 2006 से ही प्रारंभिक शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत और वर्ष 2016 से सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। वर्ष 2013 से बिहार पुलिस में भी महिलाओं कोे 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। आज बिहार पुलिस में महिला पुलिसकर्मियों की भागीदारी देश में सर्वाधिक है।
उन्होंने कहा कि बिहार में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अन्तर्गत नामांकन में न्यूनतम 33 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित हैं। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि हम लोगों ने वर्ष 2006 में राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए परियोजना शुरू की, जिसका नामकरण ‘जीविका‘ किया। बाद में तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा इसी तर्ज पर महिलाओं के लिए आजीविका कार्यक्रम चलाया गया। बिहार में अब तक 10 लाख 47 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें 1.30 करोड़ से भी अधिक महिलाएं जुड़कर जीविका दीदियां बनी हैं।
Next Story