बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मांझी की 'नाव' रोकने का ढूंढा उपाय, यहां पढ़ें
पटना, । बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन से नाता तोड़ चुके जीतन राम मांझी की 'काट' खोजने के प्रयास में जदयू जुट गई है। जदयू ने शुक्रवार को महादलित समाज से आने वाले रत्नेश सदा को हम के संतोष सुमन को जहां मंत्रिमंडल में शामिल करा दिया, वही माउंटेन मैन दशरथ मांझी के पुत्र भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन माझी ने जदयू की सदस्यता ले ली है। बिहार के गया के रहने वाले स्वर्गीय दशरथ मांझी पहाड़ काट कर सड़क बनाने के रूप में चर्चित रहे हैं। जदयू के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में उनके पुत्र भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन मांझी ने जदयू की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, पूर्व अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इन्हे जदयू की सदस्यता ग्रहण कारवाई।
माना जा रहा है कि जदयू को आशंका थी कि मांझी के जाने से मुसहर समाज जदयू से अलग हो जाएगा। मांझी पहले भी शराबबंदी को लेकर मुसहरों को जेल भेजने को लेकर सरकार को घेरते रहे हैं।
ऐसे में जदयू ने रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाकर, दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी और दामाद मिथुन माझी को पार्टी में शामिल करके मांझी के जाने के बाद होने वाली क्षति की पूर्ति करने की कोशिश की है।
जीतन राम मांझी अब नीतीश के इस चाल का कैसे जवाब देते हैं यह देखने वाली बात होगी। लेकिन, इतना तो कहा ही जा सकता है कि दशरथ मांझी के दोनों परिवार राजनीति में नए हैं, जबकि जीतन राम मांझी राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी हैं।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।