बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हादसे में बाल-बाल बच गए हैं। वह पटना में छठ घाटों का जायजा लेने के लिए तमाम अफसरों के साथ निकले थे। मुख्यमंत्री ने स्टीमर से गंगा के घाटों का जायजा लिया। आपको बता दें कि फिलहाल गंगा में जलस्तर काफी बढ़ गया है और कई जगह नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद थे। इनके अलावा वरिष्ठ अफसरों में प्रत्यय अमृत और आनंद किशोर भी साथ थे। मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए उनकी स्टीमर के साथ ही कई छोटी बोट पर सुरक्षा बल भी लगातार साथ रहे।
शुरुआती खबरों में दावा किया गया था कि गंगा के घाटों का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री को लेकर जा रहा स्टीमर गंगा में बने पुल के खंभे से टकरा गया। हालांकि प्रशासन ने स्टीमर के खंभे से टकराने की खबर को गलत बताया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री गंगा का जायजा लेने के लिए दूसरी स्टीमर से निकले थे, लेकिन वापसी में उन्हें दूसरी स्टीमर से लाना पड़ा।
बताया जा रहा है कि इस दौरान स्टीमर पर सवार सीएम समेत कई अफसर भी सवार थे। दावा किया जा रहा था कि गंगा में बने पुल के खंभ से टकराकर स्टीमर को भी इस हादसे में नुकसान पहुंचा है। हालांकि अफसरों का कहना है कि स्टीमर के साथ कोई हादसा नहीं हुआ है। गांधी घाट के पास स्टीमर किसी कारण से बंद हो गया था। इसके बाद उन्हें साथ चल रहे दूसरे स्टीमर से वापस लाया गया।
पटना के ज्यादातर छठ घाट खतरनाक बने हुए हैं। आम तौर पर दशहरा के पहले ही गंगा का जलस्तर घटने लगता है। इसके साथ ही घाट खाली होते जाते हैं। प्रशासन घाटों की सफाई कराता है और छठ पूजा संपन्न होती है। लेकिन इस बार उलटा हो रहा है। दशहरा के बाद लगातार ही गंगा का जलस्तर बढ़ते जा रहा है। पटना सहित कई शहरों में गंगा खतरे के निशान के करीब या इससे ऊपर ही बह रही है।