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बिहार: अशोक चौधरी बोले- आरसीपी सिंह की 5000 आदमी जुटाने की हैसियत नहीं, नीतीश की कृपा से फले-फूले

Kajal Dubey
8 July 2022 3:00 PM GMT
बिहार: अशोक चौधरी बोले- आरसीपी सिंह की 5000 आदमी जुटाने की हैसियत नहीं, नीतीश की कृपा से फले-फूले
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पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के पटना पहुंचते ही पीएम नरेंद्र मोदी की कृपा से मंत्री बनने का बयान देना आग में घी का काम कर गया है। किसकी कृपा से आरसीपी सिंह मंत्री बने इस पर जेडीयू के नेता आग-बबूला हैं और लगातार उनके खिलाफ बोल रहे हैं। जेडीयू के सीनियर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आरसीपी सिंह ही नहीं जेडीयू में जो भी नेता जो कुछ भी बना है वो सब नीतीश कुमार की कृपा से बना है।चौधरी ने कहा कि आरसीपी सिंह की इतनी भी हैसियत नहीं है कि पांच हजार लोग जुटा पाएं। चौधरी ने कहा कि आरसीपी सिंह के पीएम की कृपा से मंत्री बनने वाली बात से ये भी साफ हो गया है कि उनके मंत्री बनने में नीतीश कुमार की सहमति नहीं थी।
नीतीश कुमार के साथ आजकल ज्यादातर जगह नजर आने वाले अशोक चौधरी ने कहा कि आरसीपी सिंह का यह कहना हास्यास्पद है कि वो अपनी मेहनत से बने हैं जबकि उनको नीतीश ने सांसद, पार्टी महासचिव और पार्टी अध्यक्ष तक बनाया। अशोक चौधरी ही वो नेता हैं जो राज्यसभा चुनाव के टिकट की रेस के समय एक शादी समारोह में आरसीपी और नीतीश कुमार के बीच बैठ गए थे। माना गया था कि नीतीश आरसीपी सिंह से बात नहीं करना चाहते इसलिए बीच में अशोक चौधरी को बिठा लिया गया।
अशोक चौधरी नहीं नहीं रुके, उन्होंने सवाल उठाया कि आरसीपी का क्या परिश्रम है, कार्यकर्ता के तौर पर आरसीपी का क्या योगदान है, बोलने को कोई भी बोल सकता है कि अपनी मेहतन से बने हैं लेकिन सच यही है कि जेडीयू में जो भी नेता फल-फूल रहा है वो सब नीतीश की कृपा से बना है। चौधरी ने कहा कि जेडीयू में कोई नीतीश के विरोध में नहीं है और जो विरोध में है वो जेडीयू में नहीं है। चौधरी ने कहा कि नीतीश जेडीयू के सर्वमान्य नेता हैं और जेडीयू में जिस पर उनका आशीर्वाद है वही फलता-फूलता है।
आरसीपी पर शुक्रवार को पार्टी की तरफ से ये दूसरा हमला था। इससे पहले सुबह जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा था कि नीतीश की कृपा से सांसद, पार्टी महासचिव और अध्यक्ष बनने वाला आदमी अगर ये कह रहा है कि वो अपनी मेहनत से बना है तो सच ये है कि उनकी मेहनत से पार्टी विधानसभा में 71 से 43 सीट पर आ गई। अरविंद निषाद को जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह का करीबी माना जाता है। उनके बयान से यह तो साफ हो गया है कि पार्टी आरसीपी सिंह को लेकर किसी तरह की नरमी के मूड में नहीं है।
गुरुवार को जेडीयू के सीनियर मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा भी था कि आरसीपी सिंह की जेडीयू में क्या भूमिका रहेगी ये पार्टी अध्यक्ष ललन सिंह तय करेंगे। अशोक चौधरी ने भी शुक्रवार को दोहराया कि आरसीपी के पास क्या रोल रहेगा, ये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तय करेंगे। यहां भी इशारा साफ है कि नीतीश कुमार ने फिलहाल अपना दरवाजा बंद कर लिया है। आरसीपी सिंह को जेडीयू में एक्टिव रहना है तो ललन सिंह से बात करनी होगी। ललन सिंह सिर्फ पार्टी अध्यक्ष ही नहीं वो नेता भी हैं जिनके मंत्री बनने की तब बहुत अटकल थी जब आरसीपी मोदी कैबिनेट के विस्तार में जेडीयू से अकेले मंत्री बन गए थे।
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