कर्नाटक चुनाव बाद पटना में हो सकती है विपक्षी दलों की बड़ी बैठक
पटना न्यूज़: कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता की गतिविधियां और तेज होंगी. मई के तीसरे सप्ताह में पटना में विपक्षी दलों की एक बड़ी बैठक होने के आसार हैं. इस बैठक में विपक्षी दलों के शीर्षस्थ नेता शामिल होंगे. इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिल सकते हैं. उनके ओडिशा जाने की संभावना है. नीतीश कुमार समान विचारधारा वाली पार्टियों के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं. को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने इस सिलसिले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी.
सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों की पहली बड़ी बैठक पटना में 17 या 18 मई को होगी. 24 अप्रैल को कोलकाता में नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्षी दलों की बैठक पटना में होगी और वह उसमें शामिल होंगी. विपक्षी दलों को एकजुट करने के अभियान में नीतीश अब तक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी. राजा, उत्तर प्रदेश के पूर्वमुख्यमंत्री अखिलेश यादव और ममता बनर्जी से मिल चुके हैं. इन सभी मुलाकातों में राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साये की तरह उनके साथ रहे हैं. उनका अगला पड़ाव ओडिशा है.
नीतीश कुमार अब तक जितने विपक्षी नेताओं से मिले, उन्होंने विपक्ष को एकजुट करने की पहल को सराहा. सब ने एक कदम आगे बढ़कर स्वागत किया. अब इन तमाम नेताओं की एक साझा बैठक करने की तैयारी है. सूत्रों ने बताया कि पटना में आयोजित होने वाली बैठक में क्षेत्रीय दलों समेत कांग्रेस और वाम दलों के नेताओं का शामिल होना तय है. यह बैठक अहम होगी. बैठक में उन तमाम पहलुओं पर चर्चा होगी, जो कांग्रेस, वामदल और क्षेत्रीय दलों के एक मंच पर आने की राह में बाधक रहे हैं. देश स्तर पर महागठबंधन बनाने पर सहमति बनने के बाद एक नियमित अंतराल पर बैठकें कर इसे आकार देने की कवायद होगी. कोशिश होगी कि जून- जुलाई तक एक साझा मंच बन जाए. इस मायने में नीतीश कुमार की भूमिका अहम मानी जा रही है.