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बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन
बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में मोतियाबिंद ऑपरेशन (Cataract surgery) मामले में शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके बाद साबित हो रहा है कि अस्पताल प्रबंधन ने सभी प्रोटोकॉल को ताक पर रख दिया था. यहां एक डॉक्टर ने एक दिन में 56 सर्जरी की, तो वहीं जब मरीजों की स्थिति गंभीर हो गई तो उन्होंने बिना जिला प्रशासन को सूचना दिए चार लोगों की आंखें निकाल ली.
यहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही अब गंभीर बन गई है, इधर 15 से ज्यादा लोगों के आंख गंवाने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आई है. और डीएम प्रणव कुमार ने अगले आदेश तक मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन पर रोक लगा दी है, इससे पहले अस्पताल में मरीजों के ऑपरेशन के दौरान हुई लापरवाही को दबाने की पूरी कोशिश की, अस्पताल ने ऑपरेशन के दूसरे दिन ही स्थिति गंभीर होने पर आनन-फानन में चार मरीजों की आंखें निकाल दी.
12 लोगों की निकालनी पड़ सकती है आंखे
इसके साथ हीअस्पताल प्रबंधन ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन तक को नहीं दी थी. मंगलवार को जब अस्पताल प्रशासन पर जांच टीम ने सख्ती की तो प्रबंधन ने पहले ही चार लोगों की आंख निकालने की बात स्वीकारी. मामले की जांच कर रही टीम ने बताया कि इस मामले में 12 से ज्यादा लोगों की आखें निकालनी पड़ सकती है. बताया जा रहा है कि आई हॉस्पीटल में ऑपरेशन कराने वाले ज्यादातर मरीजों की कॉर्निया बेकार हो गई है. साथ ही कई मरीजों में संक्रमण ब्रेन तक पहुंचने का खतरा है. यहां ऑपरेशन कराने वाले छह पीड़ितों की हालत गंभीर है. इन सबकी आंखें बुधवार को एसकेएमसीएच में निकाली जाएगी.
पहले डॉक्टर ने ऑपरेशन करने से किया था इंकार
बताया जा रहा है कि सभी ऑपरेशन डॉ एनडी साहू ने किए है. लेकिन डॉ साहू ने सफ तौर पर ऑपरेसन करने की बात से इंकार कर दिया था. इसके बाद मंगलवार को जब जांच टीम ने कड़ी पूछताछ की तो उन्होंने ऑपरेशन की बात कबूली. जांच टीम अब आगे भी उनसे पूछताछ करेगी. इधर एक दिन में 56 ऑपरेशन करने के सवाल पर अस्पताल प्रबंधन बुरी तरह घिरी नजर आ रही है. तो वहीं ऑपरेशन के बाद चार लोगों की आंखें निकाले जाने की बात भी अस्पताल प्रशासन ने छिपा रखी थी. प्रबंधन ने इसकी सूचना डीएम और सिविल सर्जन किसी को नहीं दी थी.
नहीं हुआ प्रोटोकॉल का पालन
इसके साथ ही जांच टीम ने ऑपरेशन के प्रोटोकॉल पर भी कई सवाल उठाए. प्रोटोकॉल के अनुसार एक दिन में एक डॉक्टर को केवल बारह ऑपरेशन करने हैं. इस बावत प्रबंधन से पूछा गया कि किस परिस्थिति में एक डॉक्टर ने 65 लोगों का ऑपरेशन किया. साथ ही ओटी और दूसरे संसाधन पर भी सवाल उठ रहे हैं. जिसका जांच टीम के पास प्रबंधन ने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया.
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Gulabi
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