बिहार

मगध यूनिवर्सिटी के VC के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस के छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा

Deepa Sahu
17 Nov 2021 6:49 PM GMT
मगध यूनिवर्सिटी के VC के ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस के छापेमारी में हुआ बड़ा खुलासा
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मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) राजेंद्र प्रसाद (VC Rajendra Prasad) के ठिकानों पर स्पेशल विजलेंस यूनिट की छापेमारी (Raid) में बड़ा खुलासा हुआ है.

पटना. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) राजेंद्र प्रसाद (VC Rajendra Prasad) के ठिकानों पर स्पेशल विजलेंस यूनिट की छापेमारी (Raid) में बड़ा खुलासा हुआ है. स्पेशल विजिलेंस यूनिट (Special Vigilance Unit) की तीन टीमों ने बुधवार को उनके पैतृक गांव गोरखपुर (Gorakhpur) और बोधगया स्थित कार्यालय व सरकारी आवास पर एक साथ छापेमारी की. छापेमारी के दौरान कुलपति राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ 30 करोड़ रुपये से अधिक सरकारी संपत्ति के गबन और अनियमितता का मामला उजागर हुआ है. उनके गोरखपुर स्थित आवास पर 70 लाख नकद के अलावा एक करोड़ रुपए की अचल संपत्ति का पता चला है. साथ ही यहां से पांच लाख की विदेशी मुद्रा भी जब्त की गई है.

छापेमारी में यह भी खुलासा हुआ कि मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) में केवल 47 गार्ड सुरक्षा के लिहाज से कार्यरत हैं. लेकिन 86 गार्ड के नाम पर भुगतान किया जा रहा था. इसके अलावा हर महीने कुलपति द्वारा कई तरह की आर्थिक अनियमितताएं और गड़बड़ियां की जा रही थीं. स्पेशल बिजनेस यूनिट की टीम ने इससे संबंधित साक्ष्य (सबूत) और कागजात जब्त किये हैं. टीम में शामिल डीएसपी स्तर के अधिकारी लव कुमार गोरखपुर और रंजन कुमार के नेतृत्व में गया में छापेमारी की कार्रवाई की गई.दरअसल राजेंद्र प्रसाद मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के कुलपति के अलावा वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी, आरा के भी प्रभारी कुलपति रहे हैं. स्पेशल बिजनेस यूनिट की टीम ने छापेमारी में पाया कि उन्होंने कुलपति के पद का दुरुपयोग और साजिश करते हुए विश्वविद्यालय के नाम पर कई ऐसी चीजों की खरीदी की जिसका उपयोग विश्वविद्यालय के हित में नहीं किया जा सकता.
इसके अलावा, यह भी पता चला कि राजेंद्र प्रसाद ने तमाम प्रक्रिया और निविदा के नियमों को ताक पर रखकर मनचाहे तरीके से खरीदी हुई चीजों और सामानों का भुगतान किया. स्पेशल बिजनेस यूनिट का मानना है कि भुगतान की राशि खुद कुलपति को अपने पास रखनी थी इसलिए उन्होंने मनमाने तरीके से भुगतान की प्रक्रिया को अपनाया. उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने पर स्पेशल विजलेंस यूनिट की टीम ने निगरानी थाने में केस दर्ज करते हुए न्यायालय से सर्च वारंट हासिल किया है जिसके बाद उनके ठिकाने पर छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है.
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