न्यूज़क्रेडिट: लाइवहिन्दुस्तान
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सात दलों को मिलाकर बनी नई सरकार बहुत दिनों तक नहीं चल सकती है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वे कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं। 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का अंतर है। जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर इसे देखा जा सकता है। जन सुराज यात्रा के तहत दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन गुरुवार को वे समस्तीपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भले ही लोकसभा चुनाव तक महागठबंधन के दल साथ में रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। उन्होंने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में यह छठा प्रयोग है, जिससे सरकार बदली है। उन्होंने कहा कि इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है।
उन्होंने कहा कि वे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट जारी करेंगे, जिसमें समस्या के साथ उसके समाधान का भी मार्ग बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे 2 अक्टूबर से पदयात्रा पर निकलेंगे। इसके तहत गांव-गांव में हर घर का दरवाजा खटखटाएंगे। ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें।
प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग जन सुराज अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर अधिवेशन का आयोजन कर तय किया जाएगा कि राजनीतिक दल बनाना है या नहीं। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी।