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बिहार : नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर महागठबंधन से अपनी जुदाई की घोषणा कर चुके जीतन राम मांझी को जदयू ने करारा झटका दिया है. गया की जिस संसदीय सीट पर जीतन राम मांझी की नजर थी, जिसको लेकर वह बार बार अपना दावा दुहरा रहे थें, उस गया संसदीय सीट से जदयू ने माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को चुनावी समर में उतारने का संकेत दे दिया है.
दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश
दरअसल गया और उसके आसपास के निकटवर्ती जिलों में मुसहर समुदाय की बड़ी आबादी है, जीतन राम मांझी अपने को मुसहरों का सबसे बड़ा नेता घोषित करते रहे हैं, अभी हाल ही में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात कर दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की भी मांग की थी. लेकिन अब उस दशरथ मांझी के बेटे को जीतन राम मांझी के सामने उतराने का संकेत देकर जदयू ने यह साफ कर दिया है कि जीतन राम की चुनावी राह आसान नहीं होने वाली है.
अभी जदयू से विजय मांझी हैं सांसद
ध्यान रहे कि गया संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, इस सीट पर फिलहाल जदयू से विजय मांझी सांसद है. वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में विजय मांझी ने जीतन राम मांझी को एक लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था. इस बार जीतन राम मांझी की कोशिश इस सीट को हम के खाते में लाने की थी, और इसे ही महागठबंधन से उनकी विदाई की वजह मानी जा रही है, माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी जदयू से इस सीट को अपने नाम करने की मांग कर रहे थें, लेकिन जदयू इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं थी, जिसके बाद जीतन राम मांझी ने भाजपा से सम्पर्क साधना शुरु कर दिया था. जिसकी भनक नीतीश कुमार को लग चुकी थी, और अब दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी पर दांव खेल कर जदयू ने जीतन राम मांझी की मुश्किलें बढ़ा दी है.
विजय मांझी का अब क्या होगा!
हालांकि विजय मांझी का अब क्या होगा, यह सवाल भी गहराने लगा है, सूत्रों का दावा है कि जदयू विजय मांझी को बाराचट्टी विधान सभा से चुनाव लड़वा सकती है.Patna- नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर महागठबंधन से अपनी जुदाई की घोषणा कर चुके जीतन राम मांझी को जदयू ने करारा झटका दिया है. गया की जिस संसदीय सीट पर जीतन राम मांझी की नजर थी, जिसको लेकर वह बार बार अपना दावा दुहरा रहे थें, उस गया संसदीय सीट से जदयू ने माउंटेन मैन दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी को चुनावी समर में उतारने का संकेत दे दिया है.
दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश
दरअसल गया और उसके आसपास के निकटवर्ती जिलों में मुसहर समुदाय की बड़ी आबादी है, जीतन राम मांझी अपने को मुसहरों का सबसे बड़ा नेता घोषित करते रहे हैं, अभी हाल ही में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के मुलाकात कर दशरथ मांझी के लिए भारत रत्न की भी मांग की थी. लेकिन अब उस दशरथ मांझी के बेटे को जीतन राम मांझी के सामने उतराने का संकेत देकर जदयू ने यह साफ कर दिया है कि जीतन राम की चुनावी राह आसान नहीं होने वाली है.
अभी जदयू से विजय मांझी हैं सांसद
ध्यान रहे कि गया संसदीय सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, इस सीट पर फिलहाल जदयू से विजय मांझी सांसद है. वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में विजय मांझी ने जीतन राम मांझी को एक लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था. इस बार जीतन राम मांझी की कोशिश इस सीट को हम के खाते में लाने की थी, और इसे ही महागठबंधन से उनकी विदाई की वजह मानी जा रही है, माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी जदयू से इस सीट को अपने नाम करने की मांग कर रहे थें, लेकिन जदयू इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं थी, जिसके बाद जीतन राम मांझी ने भाजपा से सम्पर्क साधना शुरु कर दिया था. जिसकी भनक नीतीश कुमार को लग चुकी थी, और अब दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी पर दांव खेल कर जदयू ने जीतन राम मांझी की मुश्किलें बढ़ा दी है.
विजय मांझी का अब क्या होगा!
हालांकि विजय मांझी का अब क्या होगा, यह सवाल भी गहराने लगा है, सूत्रों का दावा है कि जदयू विजय मांझी को बाराचट्टी विधान सभा से चुनाव लड़वा सकती है.
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