बिहार

Bhagalpur: सफाई के नाम पर हर महीने दो लाख रुपए खर्च

Admindelhi1
12 July 2024 5:45 AM GMT
Bhagalpur: सफाई के नाम पर हर महीने दो लाख रुपए खर्च
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पोस्टमार्टम रूम के बगल में दो चौड़ानुमा डस्टबीन रखा गया

भागलपुर: सदर अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था आउटसोर्सिंग के हवाले है. सफाई के नाम पर प्रति माह दो लाख रुपये खर्च होते हैं. सुबह-शाम दो बार अस्पताल परिसर की सफाई की जाती है. इसके लिए 20 कर्मी प्रतिनियुक्त किये गये हैं. उसके बाद भी अस्पताल परिसर में खुले में कचरे को रखा जाता है. पोस्टमार्टम रूम के बगल में दो चौड़ानुमा डस्टबीन रखा गया है.

इसी में सूखे व गीले कचरे को रखा जाता है. चूंकि नियमित रूम से कचरे का उठाव नहीं होने की वजह उस डस्टबीन से दुर्गंध निकलती रहती है. जिस दिन दो से तीन शव का पोस्टमार्टम करना होता है तो उस दिन लोगों की भीड़ होने से लोगों को सड़े हुए कचरे की दुर्गंध से परेशानी होती है. इसका स्वास्थ्य भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. दूसरी ओर से सदर अस्पताल से निकले पानी की निकासी नहीं होने से नाले में जमा होकर सड़ गया है.

इसमें संक्रामक बीमारी फैलने वाले जीवाणु अस्प्ताल पहुंच रहे लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं. वर्तमान हालात यह कि डीएस कार्यालय के समीप दक्षिण दिशा में नाला में जमा पानी सड़ा हुआ है. शौचालयों की स्थिति भी बेहतर नहीं है. हालांकि सामान्य, महिला व दिव्यांगों के लिए अलग-अलग शौचालय बनाये गये हैं. नल की टोटी हमेशा टूटी रहती है. मूत्रालय तीन है. इनमें हमेशा जाम ही रहता है. फिनाइल का प्रयोग किया जाता है.

प्रभारी डीएस संजय कुमार सिंह ने बताया कि एजेंसी वाले को हिदायत दी गयी है कि खुले में कचरे को नहीं रखना है. हमेशा उसे पन्नी से ढंककर रखना है. यदि शर्तों का पालन नहीं किया जाता है तो विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जाएगी.

गढ़पुरा अस्पताल में नियमित रूप से होती है साफ सफाई स्वास्थ्य सेवा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है साफ सफाई. मरीज के स्वास्थ्य में सुधार के लिए अस्पतालों का स्वच्छ होना सौ फिसद जरूरी है. यदि अस्पताल परिसर गंदगी से जूझ रहा हो तो यह न सिर्फ यहां आने वाले मरीज के लिए नुकसानदेह है .

बल्कि उनके परिजनों को भी बीमार बना सकता है. इसी क्रम में गढ़पुरा पीएचसी में अंदर-बाहर साफ सफाई के लिए कुल मिलाकर छह सफाई कर्मचारी आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत हैं. जिसके द्वारा सफाई को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. अस्पताल में कुल मिलाकर चार बार सफाई होती है. इसके लिए छोटे-छोटे उपकरण का भी उपयोग किया जाता है. स्वास्थ्य प्रबंधक रामविजय ने बताया कि अस्पताल परिसर में साफ सफाई के लिए जगह-जगह डस्टबिन लगाए गए हैं. अस्पताल प्रशासन सफाई के प्रति गंभीर है. इससे समझौता नहीं किया जा सकता. चिकित्सा सुविधा के भीतर हर तरह से सफाई और कीटाणु रहित करना शामिल है. जिसमें प्रतीक्षा कक्ष, रोगी कक्ष, बाथरूम तथा ऑपरेशन कक्ष शामिल है.

चिकित्सा सफाई प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि स्वास्थ्य सुविधाएं कीटाणुओं, बैक्टीरिया, रोगजनकों और वायरस के प्रसार को रोक रही है. इसके अलावा अस्पताल परिसर की साफ सफाई भी नियमित रूप से हो रही है.

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