बिहार

Bhagalpur: बस पड़ाव में लगा कचरे का अंबार

Admindelhi1
31 July 2024 3:30 AM GMT
Bhagalpur: बस पड़ाव में लगा कचरे का अंबार
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दो करोड़ की आमदनी देने वाले बस स्टैंड में बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं

भागलपुर: शहर स्थित निजी बस पड़ाव नगर निगम का दुधारू गाय के समान है. इस स्टैंड से निगम को प्रतिवर्ष दो करोड़ से अधिक राजस्व प्राप्त होता है. लेकिन दो करोड़ की आमदनी देने वाले बस स्टैंड में बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है.

वर्तमान हालात यह है कि यहां न तो पूरे परिसर की प्रतिदिन नियमित सफाई होती है न ही कचड़े का उठाव होता है. बस स्टैंड परिसर स्थित कचरे का जमा अंबार बता रहा है कि यहां कचरे का उठाव नियमित नहीं हो रहा है. इससे निगम की कार्यशैली पर लगातार सवाल पर सवाल उठने लगे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 के तीन माह 15 दिन गुजर गये. लेकिन बस स्टैंड का टेंडर लेने के लिए संवेदकों में रूचि नहीं है. जबतक टेंडर नहीं हो जाता है तबतक निगम विभागीय स्तर से राजस्व वसूली के लिए निगम कर्मियों की तैनाती की है. लेकिन निगम कर्मियों के बदले दबंग प्रवृति के लोग मनमानी तरीके से राजस्व वसूली कर रहे हैं. उसके बाद प्रतिनियुक्त निगम कर्मियों के माध्यम से निगम के खाते में प्रतिमाह 13 लाख या इससे कुछ अधिक राशि जमा करा रहे हैं.

अब यहां सवाल उठना लाजिमी है कि राजस्व वसूली कोई भी करे. विभागीय स्तर से हो या संवेदक के द्वारा. टेंडर में स्पष्ट है कि टेंडर की राशि का 25 प्रतिशत राशि बस स्टैंड में साफ-सफाई, कचरे का उठाव , शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि उपलब्ध कराना है. वर्तमान में विभागीय स्तर पर जब राजस्व वसूला जा रहा है उसके बाद भी बस स्टैंड परिसर की सफाई नहीं होना, कचरे का अंबार जमा होना बता रहा है कि विभागीय स्तर पर ही 25 प्रतिशत मद की राशि का या तो गबन किया जा रहा है या आंख में धूल झोंका जा रहा है.

मुख्य पार्षद पिंकी देवी ने कहा कि यह सही है कि बस स्टैंड से निगम को काफी आमदनी होती है. बस स्टैंड का टेंडर निकाला गया था. मात्र एक संवेदक के आने से टेंडर रद्द किया गया. दोबारा टेंडर जल्द होगा. बस स्टैंड परिसर की सफाई प्रतिदिन नियमित रूप से होनी चाहिए. कचरे का अंबार जमा है तो यह गंभीर समस्या है. की सुबह ही बस स्टैंड परिसर का निरीक्षण होगा. स्टैंड परिसर की प्रतिदिन नियमित रूप से सफाई होगी. बस स्टैंड में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निगम प्रयासरत है.

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