Bhagalpur: गंगातटीय पंचायतों में क्षतिग्रस्त सड़कों की नहीं हो रही मरम्मत
भागलपुर; चमथा दियारे की सभी पांचों पंचायतों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की अब तक मरम्मत नहीं कराई जा सकी है. सभी सड़कों की जर्जर हालत बनी हुई है. हालत यह है कि इन टूटी सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल सा बना हुआ है. इन जर्जर व टूटी हुई सड़कों की सुधि लेने न तो कोई विभागीय अधिकारी पहुंचे हैं और ना ही कोई जनप्रतिनिधि. विशनपुर पंचायत के लोदियाही, पटनी चौक, चमथा- तीन पंचायत के जमाईन नाला समेत कई जगहों पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क खाईयों में तब्दील हैं. सर्वाधिक खराब हालत विशनपुर पंचायत की सड़कों की है.
इस पंचायत में फूलचंद चौक से विशनपुर बिचली दीरी व बरौनी टोल दियारा को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह ध्वस्त है. इधर, चमथा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र से चमथा- दो पंचायत के गोप टोल को जोड़ने वाली पीसीसी सड़क में दरारें फट गई हैं. विशनपुर पंचायत के मुकेश कुमार राय, सरपंच प्रतिनिधि श्रवण राय, पूर्व मुखिया श्रीराम राय आदि ग्रामीणों ने बताया कि इन सड़कों पर ग्रामीणों के समक्ष आवाजाही की समस्या बनी हुई है.
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में टूटी सड़क के कारण गांव तक नहीं पहुंचते वाहन: बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते लोगों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. कई मोहल्लों में सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से किसी भी प्रकार के वाहन के आने जाने में काफी परेशानी होती है. लोगों ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की बुनियादी सुविधा नहीं रहने से काफी फजिहत झेलनी पड़ती है. बरौनी दो पंचायत के वार्ड संख्या 9 और 10 में पीसीसी सड़क पूरी तरह घ्वस्त हो गईहै. इसी तरह रातगांव पंचायत के भगवानपुर चक्की में ईंट सोलिंग एवं पीसीसी सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण किसी प्रकार के वाहनों का जाना बाधित है. बरौनी-दो पंचायत के नागो पासवान, सुभद्रा देवी, सलोनी देवी ने बताया कि दोनों वार्ड पूरी तरह गंगा कटाव से विस्थापित हैं.
विभिन्न योजनाओं से गांव में सड़कें बनवाई गई. लेकिन दो तीन साल से बाढ़ से टूट रही सड़कों का मरम्मत कार्य नहीं होने से अब पूर्णत: ध्वस्त हो गई है. इसी तरह रात गांव पंचायत के भगवानपुर चक्की निवासी रूबिना खातून, अमिया देवी लक्खी महतो आदि ने बताया कि सड़क के अभाव में मरीजों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई गाड़ी गांव तक नहीं आती है. इससे मरीजों के समक्ष जीवन-मृत्यु का सवाल रहता है. सीपीएम के रामचन्द्र गुप्ता ने कहा कि बरौनी-दो पंचायत के दो वार्ड में कई बुनियादी सुविधा की मांग वर्षों से लोगों द्वारा की जा रही है. लेकिन, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण कोई देखने वाला नहीं है.
मटिहानी को बलिया प्रखंड से जोड़ने वाली सड़क बनी है खतरनाक: प्रखंड क्षेत्र के खड़कपुर गांव से लाल दियारा की तरफ जाने वाली सड़क बाढ़ की चपेट में आने से टूट चुकी है. बाढ़ की पानी निकलने के महीनो बीत जाने के बाद भी उस सड़क की मरोमती नहीं करायी गया है. इसलिए इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ता है. खड़कपुर निवासी पंकज कुमार राय, रामनंदन सिंह, देवानंदन तांती, आदित्य अनमोल आदि नें बताया की मटिहानी से बलिया प्रखंड को जोड़ने वाली मुख्य सड़क यही है. जो बाढ़ के समय पानी का दबाब पड़नें के कारण टूट गया था. उन्होंने बताया की इस गाँव के दर्जनों बच्चें बलिया प्रखंड के परमानंदपुर गाँव के हाई स्कूल आते जाते रहते हैं टूटी सड़क रहने से चोटिल होने की चिंता लोगों को सताते रहती है. सत्यम कुमार, चंदशेखर सिंह आदि नें बताया की वे लोग दूध का व्यवसाई करतें हैं सड़क टूटी रहने से का़फी परेशनी होती रहती है.
उन्होंने बताया की टूटे स्थान पर ग्रामीण सड़क पर इट के टुकड़े गिरवाकर किसी तरह चलने लायक बनवाएं हैं. लेकिन समतल नहीं रहने के कारण परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ ग्रामीणों नें कहा कि कौआकोल ढाला से कासिमपुर गाँव तक बनी पीएम ग्राम सड़क भी पानी के दबाव के कारण जगह जगह जर्जर हो गया है.