बेगूसराय न्यूज़: सबौरा गांव निवासी 22 वर्षीय राजन ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या कर शव को स्कूल परिसर में फेंक दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उक्त मामले का खुलासा हुआ है. हालांकि, तेघड़ा थाना की पुलिस अब भी मामले को आत्महत्या ही बता रही है.
मामला तेघड़ा थाना कांड संख्या 200/23 का है. गत 27 जून की सुबह स्थानीय लोगों की सूचना पर दुलारपुर नयानगर स्कूल परिसर से 22 वर्षीय एक युवक का शव तेघड़ा थाना पुलिस ने बरामद किया था. युवक की पहचान बरौनी प्रखंड की महना पंचायत के सबौरा गांव निवासी रामाशीष सिंह के 22 वर्षीय पुत्र राजन कुमार के रूप में हुई थी. सूचना मिलने पर परिजनों ने नयानगर स्कूल परिसर आकर शव की शिनाख्त की थी. मृतक के भाई रौशन को तेघड़ा थाना पुलिस ने शव के पास से सल्फास की दो गोली, ठंडा की खाली बोतल तथा मृतक का मोबाइल मिलने की बात कहते हुए मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट (पंचनामा) में प्रथमदृष्ट्या जहर खाकर आत्महत्या का मामला का जिक्र करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. शव का पोस्टमार्टम करने आये डॉक्टर ने मृतक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान, आंख में चोट आदि रहने पर पोस्टमार्टम कराने गये तेघड़ा थाना के अवर निरीक्षक वरुण कुमार को मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट बदलने के बाद ही पोस्टमार्टम करने की बात कही. उस समय तेघड़ा थाना के अवर निरीक्षक ने रिपोर्ट बदल दी और उसके बाद डॉक्टर ने शव का पोस्टमार्टम किया. मृतक के भाई रौशन कुमार के द्वारा दिये गये बयान पर एसपी ने तेघड़ा एसडीपीओ को उक्त मामले में विशेष छानबीन का आदेश दिया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उक्त मामला का खुलासा होने की बात कही थी. तेघड़ा थाना से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद मृतक के पिता रामाशीष सिंह तथा भाई रौशन सिंह ने एसपी व तेघड़ा एसडीपीओ से मिलकर उक्त मामले में न्याय की गुहार लगायी है. मृतक के भाई ने बताया कि उसके भाई का प्रेम प्रसंग ताजपुर की एक लड़की के साथ चल रहा था. लड़की के परिजनों ने ही राजन को घर से 26 जून को बुलाकर बुरी तरह से पीटकर उसकी हत्या करने के बाद शव को स्कूल परिसर में फेंक दिया था.
मृतक के भाई ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टर ने शव के परीक्षण के 24 घंटे पूर्व ही मृत्यु होने तथा भारी, कठोर तथा कुंद पदार्थ के कारण चोटों के परिणामस्वरूप न्यूरोजेनिक और हाइपोवॉलेमिक सदमे के कारण मृ़त्यु होने की बात कही है. मृतक के विसरा को रासायनिक परीक्षण के लिए संरक्षित कर रखा गया है. मृतक के भाई ने बताया कि लड़की के परिजन मामले को आत्महत्या करार करवाने के लिए लगातार तेघड़ा थाना में पैरवी कर रहे हैं और मामले के अनुसंधानकर्ता भी उक्त मामले में कुछ भी पूछने पर उल्टे मामले के सूचक के साथ ही दुर्व्यवहार करने लगते हैं.
इस मामले में तेघड़ा थानाध्यक्ष संजय कुमार ने फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आने की बात कही है. वहीं, केस के अनुसंधानकर्ता ने उक्त मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. मृतक के परिजन एसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारी से मिलकर हत्या मामला दर्ज कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई है.