बेगूसराय: पिछले कई दिनों से प्रचंड गर्मी है. गर्मी के कारण लोग बैचैन हैं. न दिन में चैन है और न रात में ही राहत है. लोग रतजगा कर रहे हैं. ऐसे में पेयजल की किल्लत और बिजली की कटौती से लोग बदहाल हैं.
मौसम की बेरुखी से जल स्तर नीचे चला गया है. चापाकल से पानी नहीं निकल रहा. ताल तलैया सुख चुके हैं. नल जल योजना ही पानी का एकमात्र सहारा है. परन्तु मुख्यमंत्री नल जल योजना की स्थिति भी खराब है. बराबर मोटर जल जाने का मामला सामने आ रहा है. मोटर जलने से पेयजलापूर्ति नहीं हो रही. मेघौल पंचायत के वार्ड नं 7 के नल जल योजना का मोटर जला हुआ है. जिसके कारण पानी सप्लाई कार्य ठप हो गया है. इस वार्ड के लोग पेयजल के लिए भटक रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र की कई अन्य पंचायतो में भी नल जल योजना का मोटर जल जाने से पानी सप्लाई बाधित होने का मामला सामने आया है. जले हुए मोटर को ठीक कराने में लापरवाही बरती जा रही है. इससे पेयजल संकट गहरा गया है. वहीं दूसरी ओर सरकारी फरमान के बावजूद खोदावंदपुर में बिजली कटौती का खेल जारी है. बिजली की अनियमितता ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. अक्सर बिजली गायब रहने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. बिजली नहीं रहने से लोगों को गर्मी से बचाव करना मुश्किल हो रहा है. बिजली की कटौती से जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. बिजली कटौती की शिकायत सुनी नहीं जा रही. विभाग के कनीय अभियंता फोन उठाना उचित नहीं समझते. अगर फोन उठा भी लेते हैं तो ऊपर से बिजली की कमी होने की बात कहकर अपना पल्लू झाड़ लेते हैं.
अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या: तेज धूप व पारा चढने का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. लू लगने के साथ-साथ गर्मी जनित बीमारी की चपेट में लोग अधिक आ रहे हैं. पिछले सप्ताह से तापमान में अधिक बढोत्तरी होने से गर्मी में इजाफा हो गया है. स्थानीय सीएचसी में सामान्य दिनों की तुलना ओपीडी में गर्मी जनित रोगी की संख्या में प्रत्येक दिन 10 से की बढोतरी हुई है. अत्याधिक गर्मी के कारण बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम, डायरिया, एलर्जी व गैस के रोगियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोदावंदपुर के प्रभारी डॉक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि सभी आशा कार्यकर्ताओं की बैठक कर उनके क्षेत्र में घर-घर सूचना जारी कर ऐसे मौसम में बिना काम का घर से धूप के समय बाहर नहीं निकलने की सलाह लोगों को दी गई. घर से बाहर निकलना हो तो भोजन व पानी पीकर ही निकलें.
बच्चे को धूप में खेलने से बचाएं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस प्रकार के रोगियों के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है.