बेगूसराय: बिहार में तेजी से बिजली खपत में वृद्धि हो रही है. ताजा आकलन के अनुसार राज्य में हर साल सात फीसदी बिजली खपत बढ़ने का अनुमान है. उत्तर बिहार के 21 जिलों की तुलना में दक्षिण बिहार के 17 जिलों में अधिक बिजली खपत होगी. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के बाद कंपनी राज्य में पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने में जुट गई है. न केवल सरकारी बल्कि निजी कंपनियों से भी बिजली खरीद का करार करने की तैयारी चल रही है ताकि बिहार में निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सके. राज्य में साल-दर-साल बिजली की खपत में वृद्धि हो रही है.
वर्ष 2005 में मात्र 700 मेगावाट बिजली की खपत होती थी. वर्ष 2012 के पूर्व बिहार में औसतन 12-15 घंटे बिजली आपूर्ति होती थी. अधिकतम विद्युत आपूर्ति 1700 मेगावाट थी. वर्ष 2012 में 21 अगस्त को 1751 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई. 2013 में 3 अक्टूबर को 2231 मेगावाट बिजली दी गई. जबकि 2014 में 21 अक्टूबर को 2831 मेगावाट तो 2015 में 2 अक्टूबर को 3459 मेगावाट बिजली आपूर्ति हुई. पांच हजार मेगावाट का आंकड़ा 2018 में पार हुआ. इसके बाद आठ जून 2021 को कंपनी ने 6094 मेगावाट बिजली आपूर्ति की. 15 जुलाई 21 को कंपनी ने 6627 मेगावाट बिजली आपूर्ति की. साल 2022 में कंपनी ने रिकॉर्ड 6727 मेगावाट बिजली आपूर्ति की. वर्ष 2023 में 7576 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई. बीते वर्ष 23 सितम्बर 2024 को 8005 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हुई जो अब तक का सर्वाधिक है. जिस तरह से बिजली खपत में वृद्धि हो रही है, उसी के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2033-34 के बीच राज्य में 7.51 फीसदी की दर से बिजली खपत में वृद्धि होगी. इसमें वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2029-30 के बीच 7.32 फीसदी की दर से बिजली खपत में वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. खपत का अनुमान आने के बाद कंपनी बिजली की उपलब्धता बहाल करने में जुट गई है. अभी कंपनी ने 10 हजार 597 मेगावाट का करार कर रखा है. इसमें 6941 मेगावाट थर्मल, 1172 मेगावाट पनबिजली, 1740 मेगावाट सोलर, 699 मेगावाट पवन ऊर्जा तो 44 मेगावाट बायोमास बिजली का कोटा है.
इस साल बक्सर के चौसा की एक इकाई, बाढ़ स्टेज एक की तीसरी इकाई और नॉर्थ कर्णपुरा की एक यूनिट और कजरा सोलर बिजली घर से उत्पादन शुरू हो जाएगा. केवल इस साल ही डेढ़ हजार मेगावाट वृद्धि हो जाएगी. आने वाले वर्षों में चौसा की दूसरी यूनिट, नवीनगर की विस्तारित इकाई, दरलीपल्ली, पीरपैंती बिजली घर से बिजली उत्पादित होने लगेगी.
अगले आठ-नौ वर्षों में 65 सौ मेगावाट और बिजली उपलब्ध हो जाएगी. कंपनी अधिकारियों का दावा है कि आने वाले वर्षों में शुरू होने वाली इकाइयों से कंपनी लोगों को जरूरत के अनुसार बिजली उपलब्ध कराने में सक्षम हो सकेगी.