बेगूसराय: राज्य की 89.65 फीसदी छात्राएं मानसिक रूप से सशक्त हैं. वो कॅरियर व स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हैं. ये चीजें यूजीसी के एक सर्वे में निकल कर आई है. इसमें बिहार की सभी महिला और कोएड कॉलेज की दो लाख 56 हजार 890 छात्राओं को शामिल किया गया. अगस्त से सितंबर के बीच सर्वे में स्नातक की छात्राओं से कॅरियर और स्वास्थ्य को लेकर अलग-अलग सवाल पूछे गए थे.
सर्वे के अनुसार 75छात्राएं कॅरियर को प्राथमिकता दे रही हैं. वो स्नातक के बाद खुद के पांव पर खड़ा होने का प्रयास करती हैं. वोकेशनल कोर्स में अधिक रुचि लेती हैं. 90 छात्राएं अब स्नातक कॅरियर को बेहतर करने के लिए कर रही हैं. सर्वे में कहा गया है कि राज्य की 56 छात्राओं में पिछले पांच सालों में वोकेशनल और सर्टिफिकेट कोर्स के प्रति रुचि बढ़ी है. वहीं 45 फीसदी ऐसी छात्राएं हैं जो खेल में कॅरियर बनाना चाहती हैं.
सरकारी योजनाएं सर्च करती हैं: मानसिक रूप से सशक्त होने के लिए 50 फीसदी से अधिक छात्राएं नियमित योगा करती हैं. शैक्षणिक रूप से हर जानकारी उन्हें मिले, इसके लिए सरकारी योजनाओं खासकर छात्रवृत्ति को सर्च करती हैं. इसके लिए नेशनल छात्रवृत्ति पोर्टल को खंगालती हैं. राज्य की 47 फीसदी एक लाख से अधिक छात्राएं कॅरियर और साइकोलॉजिल काउंसलर के रूप में कॅरियर बनाना चाहती हैं.
इसके लिए वो ऐसी कोर्स पर फोकस करती हैं जिससे वो इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकें.
सर्वे के मानक
● स्नातक की डिग्री क्यों लेना चाहती हैं
● पढ़ाई के बाद कॅरियर बनाएंगी या शादी करेंगी
● पसंदीदा कोर्स कौन है और क्यों करना चाहती हैं
● मेडिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्र में क्यों नहीं गई
● खुद को फिट करने के लिए क्या करती हैं
छात्राएं बेहतर कॅरियर के प्रति सोच से मानसिक रूप से भी सशक्त हुई हैं. वो ऐसा कुछ करना चाहती है जिससे उनका कॅरियर भी बने और वो आत्मनिर्भर हो सकें. -नमिता कुमारी, प्राचार्य, मगध महिला कॉलेज
वोकेशनल कोर्स और कॅरियर से जुड़े कार्यक्रम से छात्राओं में आत्मविश्वास आता है. अब छात्राएं स्नातक की डिग्री शादी के लिए नहीं बल्कि आत्मनिर्भर होने के लिए ले रही हैं. -साधना ठाकुर, प्राचार्य, अरविंद महिला कॉलेज