बिहार

चिंताजनक बागों से गायब हो रहीं मधुमक्खियां, देसी शहद दुर्लभ

Admin Delhi 1
28 Feb 2023 7:15 AM GMT
चिंताजनक बागों से गायब हो रहीं मधुमक्खियां, देसी शहद दुर्लभ
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मुजफ्फरपुर न्यूज़: हमारे आसपास पेड़ों और घरों में छत्ता लगाने वाली मधुमक्खियां धीरे-धीरे गायब हो रही हैं. ऐसे में अब पाली गई मधुक्खियों के शहद पर ही निर्भरता हो गई है. कृषि वैज्ञानिक इसका कारण जलवायु परिवर्तन और कीटनाशकों का बेतहाशा प्रयोग मान रहे हैं. यही कारण है कि इन दिनों देसी शहद मिलना मुश्किल हो गया है.

पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक राधेश्याम कुमार ने बताया कि कीटनाशक के प्रयोग से मित्र कीट मर जा रहे हैं. जिस वक्त फसल में फूल आने लगता है, उसके बाद किसान को कीटनाशी का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाती हैं और वह असमय दम तोड़ देती हैं. पिछले दो साल से देखा जा रहा है कि आसपास की मधुमक्खियों की संख्या लगातार घटती जा रही है.

जलवायु परिवर्तन के कारण भी मधुमक्खियों की मौत राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी के निदेशक डॉ़ विकास दास ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मधुमक्खियों को अनुकूल तापमान नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण आसपास की मधुमक्खियां मर जा रही हैं. वहीं पालतू मधुमक्खियों के लिए खास तरह का बॉक्स बनाया गया होता है, जिसमें वह आसानी से अपने आप को बचा लेती है. वातारण प्रदूषित होने से अब इसका असर पालतू मधुमक्खियों पर भी पड़ने लगा है. हमें अत्यधिक रासायनिक खाद और कीटनाशक के उपयोग से बचना होगा, तभी जीव-जंतुओं का अस्तित्व बच सकता है. मधुमक्खियों का इस तरह आसपास से गायब होना चिंताजनक है.

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