मेहंदार का सौंदर्यीकरण अधर में लटका, अभी तक नहीं बन सका पर्यटन स्थल
सिवान: प्रखंड क्षेत्र के ऐतिहासिक शिव मंदिर बाबा महेंद्रनाथ मंदिर मेहंदार को पर्यटन मानचित्र पर लाने के सारे दावे खोखले साबित हुए हैं. इस जगह को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए घोषणा के बावजूद यहां समुचित कार्य नहीं हो पाया. हालांकि, प्रशासन ने यहां मेहंदार महोत्सव की शुरुआत कर इसे मानचित्र पर लाने के लिए लोगों को भरोसा दिलाने का कार्य शुरू किया.
प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के पूर्व संध्या पर यहां मेहंदार महोत्सव का आयोजन 17 से हो रहा है. दो वर्ष कोरोना को लेकर महोत्सव का आयोजन नहीं हुआ था. मंदिर के विकास के लिए 11 में धार्मिक न्यास परिषद ने बाबा महेंद्रनाथ मंदिर न्यास समिति का गठन किया. मगर, उससे भी मंदिर का समुचित विकास नहीं हो पाया है.
पर्यटन मानचित्र पर लाने की घोषणा की गई थी:चुनाव - प्रचार व अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री ने इसे पर्यटन मानचित्र पर लाने की घोषणा की थी. 10 में वे पहली बार बाबा महेंद्रनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ की पूजा- अर्चना की. इस दौरान उन्होंने लगभग 23 लाख के जलापूर्ति योजना बनाने की घोषणा की. लेकिन, वह बनने के साथ ही समाप्त भी हो गई. पुन: उन्होंने 2 13 में मेहंदार पहुंचकर बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के लगभग 1265 करोड़ की लागत से मेहंदार के सौंदर्यीकरण और विकास कार्यो का शिलान्यास किया. इसमें कमलदाह सरोवर के बीच टापू का निर्माण और अन्य विकास कार्य सम्मिलित थे. मगर, 10 साल बाद भी पोखरे के अंदर टापू का निर्माण शुरू नहीं हुआ. और न ही यहां अन्य विकास योजनाओं को अमलीजामा पहनाया गया.
मेंहंदार में महोत्सव महोत्सव को लेकर अभी से तैयारी करने के लिए प्रशासन हर स्तर पर योजना बना रहा है. सुरक्षा से लेकर तमाम पहलूओं पर ध्यान दिया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर एक बैठक हुई थी. पुन: 26 को एक बैठक की जाएगी. इसमें महोत्सव की अंतिम रूपरेखा बनाई जाएगी. महोत्सव को भव्य बनाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.
-सूरज कुमार सिंह, बीडीओ, सिसवन.
जिले के सिसवन प्रखंड में स्थित महेंद्रनाथ मंदिर, मेहंदार.
जन सहयोग से हुई पोखरा की सफाई
बाबा महेंद्रनाथ का कमलदाह सरोवर खर- पतवार व जंगल से भरा हुआ था. मगर, प्रशासन ने इसे बरसों से साफ नहीं कराया था. में इसे सफाई करने का अभियान चलाया गया. में यह पोखरा खर-पतवार से बिल्कुल मुक्त हो गया. पोखरे का पानी बिल्कुल ही साफ और स्वच्छ है. मगर, खरपतवार व अन्य जलीय घास उगना शुरू हो गया है.