बिहार

बीएयू का धान 10 राज्यों में लगेगा

Admin Delhi 1
16 May 2023 2:13 PM GMT
बीएयू का धान 10 राज्यों में लगेगा
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भागलपुर न्यूज़: बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वीर कुंवर सिंह कृषि महाविद्यालय डुमरांव स्थित वनस्पति अनुसंधान संस्थान के विज्ञानी डॉ प्रकाश एवं उनकी टीम ने धान की ‘सबौर मंसूरी’(बीआरआर-2141) नाम की एक नई किस्म का ईजाद किया है. यह कम समय, सीमित सिंचाई एवं कम उर्वरक में अन्य किस्मों की अपेक्षा कई गुना ज्यादा उत्पादन देगी. इसकी उत्पादन क्षमता 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है .

यह प्रभेद, जीवाणु झुलसा, झोंका एवं कण्डदुआ रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है तथा तना छेदक एवं भूरा पत्तीलपेटक कीट के प्रति सहनशील है. इसका तना भी बहुत मजबूत है जिससे आंधी एवं तूफान में यह प्रभेद, गिरेगा नहीं एवं जलवायु अनुकूल है. इसके पहले बीएयू के धान की नई किस्म हीरा राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुई है.

डॉ. प्रकाश ने बताया कि अखिल भारतीय समन्वित चावल सुधार परियोजना की असम के जोरहाट में पिछले दिनों हुई 58वीं वार्षिक केन्द्रीय प्रभेद चयन समिति की बैठक में यह चयन किया गया है और आईसीएआर को अनुसंशित किया गया है कि इसे अधिसूचित करें. उन्होंने बताया कि इसे दस राज्यों में खेती के लिए अनुशंसित किया गया है और जल्द ही आईसीएआर से अधिसूचित कर दिया जायेगा.

किस्म की विशेषता डॉ. प्रकाश ने बताया कि किसानों के प्रक्षेत्र में मूल्यांकन के दौरान, विजय कुमार, करमैनी, विक्रमगंज, रोहतास में 50 वर्गमीटर प्रक्षेत्र की क्रॉप कटिंग बीएयू के सह निदेशक शोध डॉ. फिजा अहमद, संस्थान के वैज्ञानिक एवं क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों की उपस्थिति में की गई.

बीएयू को ग्लोबल पहचान दिलाना लक्ष्य है. वैज्ञानिकों द्वारा, मध्यम अवधि में कम उर्वरकों के प्रयोग से अधिक ऊपज वाले धान के प्रभेद सबौर मंसूरी धान को विकसित करना एक मील का पत्थर साबित होगा.

डॉ. डीआर सिंह, कुलपति, बीएयू

कम सिंचाई में अच्छा उत्पादन

सबौर मंसूरी प्रभेद, किसानों को कम खर्च में अधिक मुनाफा देगी तथा सिंचित एवं वर्षा आश्रित इलाकों में भी कम सिंचाई में बेहतर उत्पादन देने वाली यह नई किस्म धान उत्पादकों के लिए वरदान साबित होगी.

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