बरौनी रिफाइनरी ने 2022-23 में किया एतिहासिक वार्षिक प्रदर्शन
बेगूसराय: इंडियन ऑयल ने हाल ही में समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 में शानदार परिचालन प्रदर्शन किया है। इसमें बरौनी रिफाइनरी ने भी समग्र रूप से पिछले सभी रिकॉर्डों को पीछे छोड़ दिया। इस दौरान जहां सर्वाधिक थ्रुपुट हासिल किया गया तो नवाचार की दिशा में भी निरंतर कार्य हो रहे हैं।
बरौनी रिफाइनरी ने अबतक का सर्वाधिक क्रूड थ्रुपुट 6785.4 टीएमटी हासिल किया। इसके साथ ही अब तक का सबसे कम फ्युल एवं लॉस, एमबीएन और एनर्जि एफिसिएनसी इंडेक्स (ईआईआई) भी हासिल किया। जिससे रिफाइनरी की ऊर्जा दक्षता के बारे में पता चलता है। इसके अलावा परिचालन उपलब्धता फाक्टर, ओवेरऑल थर्मल एफिसिएनसी, पावर प्लांट में ईंधन की खपत एवं विशिष्ट जल खपत के पैरामीटर पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया।
बरौनी रिफाइनरी ने पेट्रोल और इथेनोल मिश्रित पेट्रोल, रिफॉर्मेट, हवाई ईंधन, डीज़ल, अलक़तरा, लो सल्फर हैवी स्टॉक (एलएसएचएस), पेट्रोलियम कोक और सल्फर का अब तक का सर्वाधिक उत्पादन और प्रेषण हासिल किया। डीएचडीटी, इंडजेट, प्राइमजी (नया पुराना), कोकर-ए और बिटुरॉक्स का अब तक का उच्चतम थ्रूपुट भी हासिल किया। 2022-23 के दौरान अब तक के सर्वाधिक 11 विभिन्न प्रकार के नए क्रूड को प्रोसेस किया, जिससे क्रूड बास्केट में विविधता लाने की क्षमता का प्रदर्शन हुआ।
बरौनी रिफाइनरी में सुरक्षित और दुर्घटना मुक्त वर्ष पूरा किया, जो इस प्रमुख क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहली रिफाइनरी है, जिसने बैटरी क्षेत्र के अंदर एक सौ प्रतिशत रूप से कवरऑल या आईएफआर पहनना अनिवार्य किया। ठेका श्रमिकों को प्रोत्साहित करने के लिए पांच हजार अतिरिक्त कवरऑल प्रदान किए गए। जमीनी स्तर पर सुरक्षा खामियों की निगरानी के लिए, रिफाइनरी में दो ट्रॉली माउंटेड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
निरंतर नवाचार की दिशा में 2022-23 के दौरान कुछ महत्वपूर्ण कमीशनिंग की गई। जिसमें एसिड गैस और सावर गैस के प्रसंस्करण के लिए एसआरयू के एमसीसी में स्थापित न्यू स्प्लिट फ्लो कॉन्फिगरेशन शामिल था। जिससे 28 करोड़ रुपए/वर्ष के बराबर 44 सौ एसआरएफटी की बचत हुई। इसके साथ ही डीजल एक्सॉस्ट फ्लुइड (डीईएफ) संयंत्र जो दो हजार सीसी से अधिक क्षमता वाले सभी भारी डीजल वाहनों में अनुमेय सीमा से नीचे निकास गैसों में नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के लिए एससीआर प्रणाली की आवश्यकता को पूरा करता है।
इस साल बरौनी रिफाइनरी ने भारत का पहला और विश्व का तीसरा ग्रीन कूलिंग टॉवर स्थापित किया, जो 360 एसआरएफटी प्रति वर्ष की ऊर्जा की बचत करता है। इंडियन ऑयल, आरएंडडी और ईआईएल द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक पर आधारित 375 टीएमटीपीए क्षमता की पहली स्वदेशी इंडजेट इकाई लगाई गई। जिससे बिहार की संपूर्ण हवाई ईंधन मांग को पूरा किया जाएगा। बीएस-VI परिदृश्य में एलएसएचएस का पहला उत्पादन किया गया और रिफाइनरी से 12 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित एमएस का पहला बैच मार्केटिंग टर्मिनल भेजा गया।
आगामी नई वायुमंडलीय और वैक्यूम आसवन इकाई के लिए क्रूड डिस्टिलेशन कॉलम के निर्माण के साथ बीआर-09 परियोजना ने 2022-23 के दौरान प्रमुख मील के पत्थर देखे। ओवर-डायमेंशनल-कंसाइनमेंट (ओडीसी) डीजल हाइड्रोट्रीटर (एचडीटी) रिएक्टर और ओडीसी रिएक्टर आने वाले नए वंस थ्रू हाइड्रोक्रैकर यूनिट (ओएचसीयू) के लिए स्थापित किए गए। इन ओडीसी रिएक्टरों को जलमार्ग के माध्यम से गुजरात से श्रीलंका के रास्ते सिमरिया जेट्टी तक सुरक्षित रूप से लाया गया था। 220केवी ग्रिड पावर प्रोजेक्ट और आरएनएलजी (प्राकृतिक गैस ) प्रोजेक्ट जॉब भी प्रगति पर है। रिफाइनरी साइड पर आरएलएनजी का यांत्रिक कार्य पूरा कर लिया गया है। गेल एनजी स्किड की स्थापना के बाद मई-जून तक चालू होने की उम्मीद है।
हरित संकल्प के माध्यम से नेट जीरो होने की कॉर्पोरेशन की प्रतिबद्धता की ओर बढ़ते हुए, बरौनी रिफाइनरी ने मुंगेर एक लाख 65 हजार पेड़ लगाए और क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट को जोड़ा। रिफाइनरी एको पार्क में वाटर फ्लोटिंग सोलर पीवी सिस्टम स्थापित किया गया। इसके साथ ही कई पुरस्कारों और प्रशंसाओं ने प्रोत्साहित एवं प्रेरित किया। तीन पीआरएसआई राष्ट्रीय पुरस्कार, सुरक्षा प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान, सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ प्रतिष्ठान 2022, दिनकर हिंदी सम्मान, आईएसओ 50001: 2018 मानक प्रमाणन, इंडियन ऑयल न्यूज सर्वश्रेष्ठ कवर स्टोरी और क्यूसी लैब के लिए एनएबीएल प्रमाणीकरण के साथ बीआर मान्यता शामिल हैं।
कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख आर.के. झा ने बताया कि हमने हितधारकों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया। इसके साथ ही सीएसआर और सीईआर के रूप में अपनी सामुदायिक विकास परियोजनाओं के माध्यम से बेगूसराय के स्थानीय समुदायों और लोगों के साथ अपनी खुशी भी साझा की है।