बिहार

कैमूर में प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति मछली जब्त, इनको खाने और बेचने पर है बैन

Rani Sahu
21 July 2022 2:55 PM GMT
कैमूर में प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति मछली जब्त, इनको खाने और बेचने पर है बैन
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कैमूर में प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति मछली जब्त

कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति मछली पुलिस ने जब्त (Banned Thai Mangur Species Fish Seized In Kaimur) किया है. दुर्गावती में एनएच दो से मत्स्य विभाग और पुलिस दल ने प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति की मछली (Banned Thai Mangur Species Fish) को तीन ट्रक से भारी मात्रा में जब्त किया है. प्रतिबंधित मछली की प्रजाति को तीन ट्रकों पर लादकर कोलकाता से यूपी ले जाया जा रहा था, मछलियों की प्रजाति की पहचान होने के बाद पुलिस ने तीनों ट्रकों में लदी थाई मांगुर मछली को कब्जे में ले लिया है. जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया की गड्ढा खोदकर मछलियों को नष्ट किया जाएगा.

प्रतिबंधित थाई मछली जब्त : गौरतलब है कि मत्स्य विभाग को मुखबिर से सूचना मिली कि प्रतिबंधित मछली की प्रजाति थाई मांगुर की तस्करी की जा रही है, इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने जीटी रोड पर खड़ी तीन ट्रक को रोककर चेक किया. जिसमें थाई मांगुर प्रजाति की मछलियां पाई गईं, जिनकी अनुमानित कीमत लाखों की बतायी जा रही है. अब पुलिस प्रशासन मछलियों को गड्ढ़ा खोदकर नष्ट करने में जुटी हुई है. वहीं पुलिस तस्करी में लिप्त तीनों ट्रकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.
प्रतिबंधित थाई मांगुर प्रजाति मछली जब्त : गौरतलब है कि थाईलैंड में विकसित थाई मांगुर पूरी तरह से मांसाहारी मछली है, इसकी विशेषता यह है कि यह किसी भी पानी (दूषित पानी) में तेजी से बढ़ती हैं. जहां अन्य मछलियां पानी में ऑक्सीजन की कमी से मर जाती है, लेकिन यह जीवित रहती है. भारत सरकार ने साल 2000 में ही थाई मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर रोक लगा दी थी. लेकिन इसकी बेखौफ बिक्री जारी है. इस मछली के सेवन से घातक बीमारी हो सकती है. इसे कैंसर का वाहक भी कहा जाता है. ये मछली मांस को बड़े चाव से खाती है. सड़ा हुआ मांस खाने के कारण इन मछलियों के शरीर की वृद्धि एवं विकास बहुत तेजी से होता है.
थाई मांगुर मछली खाने से होती है बीमारी : यही कारण है कि यह मछलियां तीन माह में दो से 10 किलोग्राम वजन की हो जाती हैं. इन मछलियों के अंदर घातक हेवी मेटल्स जिसमें आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी, लेड अधिक पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक हानिकारक है. थाई मांगुर से प्रमुख रूप से गंभीर बीमारियां जिसमें हृदय संबंधी बीमारी के साथ न्यूरोलॉजिकल, यूरोलॉजिकल, लीवर की समस्या, पेट एवं प्रजनन संबंधी बीमारियां और कैंसर जैसी घातक बीमारी अधिक हो रही है. इसका पालन करने से स्थानीय मछलियों को भी क्षति पहुंचती है. साथ ही जलीय पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को खतरे की संभावना भी रहती है.
प्रतिबंधित है थाई मांगुर मछली : थाईलैंड की प्रजाति होने के चलते इसे थाई मांगुर कहते हैं. इस मछली के सेवन और पालन पर सरकार ने साल 2000 से रोक लगाई हुई है. ये मछलियां मांसाहारी होती हैं. इनके सेवन से लीवर, दिल आदि से संबंधित बीमारियों के साथ ही कैंसर होने का खतरा बराबर रहता है. ये मछलियां सड़ा मांस खाकर बड़ी तेजी से बढ़ती हैं, इसलिए अवैध तरीके से इनका पालन और बिक्री किया जाता है.


Rani Sahu

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