पटना न्यूज़: कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में बिहार के जिलों का प्रदर्शन अन्य राज्यों से बेहतर रहा है. यही नहीं सूबे के दो जिलों को देश में सर्वोच्च स्थान मिला है. इस श्रेणी में देश के टॉप पांच जिलों में बिहार का बांका पहले और कटिहार दूसरे स्थान पर है. पिछले माह बिहार के चार जिलों को नीति आयोग बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मानित कर चुका है तब बिहार ने स्वास्थ्य-पोषण और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया था. देश के 112 आकांक्षी जिलों को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को बड़ी सफलता मिली है.
नीति आयोग ने देश के पिछड़े 112 आकांक्षी जिलों के लिए चैम्पियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग जारी की है. कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों को रैंक दिया गया है. इस रैंकिंग की जानकारी नीति आयोग ने सार्वजनिक की है. अभी पिछले दिनों नीति आयोग ने इन 112 आकांक्षी जिलों के प्रदर्शन का लेखा-जोखा निकाला था. इनमें ओवरऑल बेगूसराय और पूर्णिया ने बेहतर रैंक प्राप्त किया था. जबकि, जमुई ने स्वास्थ्य और पोषण में और गया जिला ने शिक्षा के क्षेत्र में देश के अन्य जिलों से बेहतर काम किया. आयोग ने इसके लिए बेगूसराय को 5 करोड़ रुपए जबकि पूर्णिया को 2 करोड़ की सहायता राशि अतिरिक्त आवंटन के रूप में दिया गया. इसके अलावा जमुई और गया को 3-3 करोड़ का पुरस्कार मिला.
केंद्र सरकार ने किया है 13 आकांक्षी जिलों का चयन: केन्द्र सरकार ने देश के 115 पिछड़े जिलों का चयन विभिन्न मानकों में आकांक्षी जिले के रूप में किया है. इनमें बिहार के 13 जिले शामिल हैं. इसमें कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, सीतामढ़ी, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर व नवादा जिले हैं. इन्हें 11 इंडेक्स पर चयनित किया गया है.