बिहार

15 अक्टूबर तक रहेगी बालू खनन पर रोक, एनजीटी में आदेश को 15 दिनों तक बढ़ाया

Admin4
21 Sep 2023 6:51 AM GMT
15 अक्टूबर तक रहेगी बालू खनन पर रोक, एनजीटी में आदेश को 15 दिनों तक बढ़ाया
x
पटना। बिहार में बालू खनन पर रोक 15 दिन के लिए आगे बढ़ा कर 15 अक्टूबर कर दिया गया। पहले 1 अक्टूबर से बालू का खनन शुरू होना था लेकिन मॉनसून की सक्रियता को देखते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने बिहार में बालू खनन 15 दिन टालने का निर्देश दिया है। बिहार में घाटों के आवंटन का कार्य अंतिम चरण में है। मॉनसून को लेकर एक जुलाई से 30 सितंबर तक राज्य के नदी घाटों से बालू खनन पर रोक लगाई गई थी। मानसून के दौरान बालू के खनन पर रोक होती है, ताकि इस दौरान जलीय जीवों के प्राकृतिक व्यवहार और प्रजनन पर असर न पड़े। वहीं खनन विभाग का कहना है कि राज्य में बालू की कोई समस्या नहीं है,आगले चार महीनों तक का बालू का पर्याप्त भंडार है। बिहार में 524 घाटों में से 268 की निविदा हो चुकी है। खनन विभाग ने नई बंदोबस्ती के साथ ही कई शर्तें लगाई हैं, जिसे बंदोबस्तधारियों को पूरा करना होगा। विभाग के निदेशक नैयर इकबाल ने कहा कि घाटों पर सीसीटीवी और धर्मकांटा लगाना अनिवार्य किया गया है और बालू की ढुलाई करने वाले वाहनों में जीपीएस लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। जब बालू की कीमत बढ़ जाती है, तो कंस्ट्रक्शन उद्योग में काम मंदा हो जाता है। ऐसे में मजदूरों के लिए रोजी-रोटी का संकट शुरू हो जाता है। वहीं सरकार की तरफ से जब-जब बालू खनन पर सख़्ती होती है, तब बालू के खनन से लेकर कंस्ट्रक्शन उद्योग तक पर इसका असर पड़ता है। राज्य में फिलहाल 524 बड़े बालू घाट हैं, जहां से आधिकारिक तौर पर बालू का खनन किया जा सकता है। बिहार में पिछले करीब एक दशक से बालू घाटों के लिए सरकार की तरफ से नीलामी की जाती है। साल 1970 तक भारत में बालू आमतौर पर मुफ़्त की चीज हुआ करती थी। 1970 के दशक में सरकार और इस कारोबार से जुड़े लोगों को बालू के खनन में मुनाफा दिखने लगा था। लोगों को इसके लिए नदी घाट से कंस्ट्रक्शन की जगह तक लाने के लिए ढुलाई का खर्च देना होता था। विकास और मांग बढ़ने के साथ ही बालू की कमी भी होती गई है। यूएनईपी का आकलन है कि धरती के चारों ओर 27 मीटर मोटी और 27 मीटर ऊंची यानि करीब आठ मंजिÞला दीवार बनाने में जितने बालू और कंकड़ की जरूरत होगी, उतनी मात्रा में बालू और कंकड़ हर साल धरती पर कंस्ट्रक्शन के काम में खर्च हो जाता है। भारत के खनन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि भारत में कंस्ट्रक्शन उद्योग की विकास दर साल 2011-15 के दौरान तीन फीसदी से कम थी, जबकि साल 2016-20 के बीच इसके छह फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। वहीं इंडिया वाटर पोर्टल के मुताबिक भारत में साल 2020 में कंस्ट्रक्शन के काम के लिए करीब डेढ़ बिलियन टन बालू की जरूरत का अनुमान था, इस लिहाज से यह एक बड़े फायदे का कारोबार है।
Next Story