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बिहार | विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की ऑनलाइन व्यवस्था से फर्जी उपस्थिति बनाने पर रोक लगी है. चूंकि मध्याह्न भोजन की सूचना अब ऑनलाइन ली जाती है. इससे उन स्कूलों पर लगाम लगी जहां पर फर्जी उपस्थिति बता कर प्राचार्य निदेशालय से फंड लेते थे. प्रत्येक दिन निदेशालय से हर विद्यालय को चार बार फोन किया जाता है. इसमें स्कूल की ओर से हर दिन उपस्थित छात्र-छात्राओं की जानकारी दी जाती है. इसके अलावा जितने बच्चे खाना खाते हैं, उसकी जानकारी निदेशालय लेती है. ऐसे में अब फर्जी उपस्थिति बनाने पर रोक लग गई है.
बता दें कि मध्याह्न भोजन के तहत कई विद्यालय के प्राचार्य बच्चों की फर्जी उपस्थिति बना कर निदेशालय को भेजते थे. इससे चावल और अन्य खाद्य सामग्री के लिए अतिरिक्त फंड मिलता था. पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार जिले के 55 फीसदी स्कूलों के प्राचार्य अब तक बच्चों की गलत उपस्थिति सूची भेजते थे. कई बार औचक निरीक्षण में यह पकड़ा भी जा चुका है. लेकिन हाल में लगातार अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नाम उपस्थिति पंजी से हटा दिया गया है. ऐसे में अब जो बच्चे नियमित स्कूल आ रहे हैं, उन्हें ही खाना परोसा जा रहा है. ऐसे में अब स्कूल प्रशासन फर्जी छात्र का नाम डालने पर फंस सकते हैं.
ऑनलाइन रिपोर्ट से बच्चों की संख्या में 50-50 फीसदी का आया अंतर
एक सितंबर से मध्याह्न भोजन योजना के तहत ऑनलाइन निगरानी की जाती है. इसका असर है कि स्कूल जिन छात्रों की फर्जी उपस्थिति बनाते थे, उस पर रोक लगी है. पटना जिला मध्याह्न भोजन योजना के अनुसार ऑनलाइन व्यवस्था से 50 से 55 फीसदी छात्रों के डेटा में अंतर आ गया है. पहले इन छात्रों का नाम बिना स्कूल में आये ही डाल दिया जाता था, लेकिन अब स्कूल ऐसा नहीं कर पा रहे हैं.
प्रत्येक दिन स्कूलों को देनी है ये जानकारी
1. विद्यालय में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या
2. विद्यालय में उपस्थित कुल विद्यार्थियों की संख्या
●50 फीसदी या उससे कम उपस्थिति
●50 से 75 फीसदी तक ●75 फीसदी से अधिक
3.विद्यालय में मध्याह्न भोजन की व्यवस्था है या नहीं
4.प्रत्येक दिन कितने बच्चों ने मध्याह्न भोजन किया
5.मध्याह्न भोजन करने के बाद बच्चे के हाथ धोने की व्यवस्था है या नहीं 6. मध्याह्न भोजन के समय कितने शिक्षक उपस्थित रहते हैं
एक निर्धारित समय पर स्कूलों में परोसा जाता है मध्याह्न भोजन
निदेशालय के आदेश के अनुसार जिले के तमाम स्कूलों में एक निर्धारित समय में मध्याह्न भोजन परोसा जाता है. एक परिसर में स्थित कई स्कूल भी हैं तो इन स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए एक साथ मध्याह्न भोजन बनेगा और उन्हें एक साथ ही खिलाया जाएगा. यह व्यवस्था भी एक सितंबर से शुरू की गई है.
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Harrison
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