पटना न्यूज़: हाईकोर्ट ने सात वर्षों तक अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है. मामला भुगतान से संबंधित है. इस बाबत 6 जुलाई को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए गिरफ्तारी का जमानती वारंट जारी किया है.
न्यायमूर्ति पीवी बजंत्री और न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने घन्यश्याम प्रसाद सिंह की ओर से दायर अवमानना अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. अपर मुख्य सचिव केके पाठक को 20 जुलाई को कोर्ट में निश्चित रूप से उपस्थित होने को कहा गया. सुनवाई के दौरान कहा गया कि उन्हें कोर्ट में उपस्थित नहीं होना था तो पहले अर्जी दायर की जानी चाहिए न कि केस पर सुनवाई के दौरान अर्जी दायर करना था. वहीं अपर मुख्य शिक्षा सचिव की ओर से अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर कर 6 जुलाई को जारी आदेश में संसोधन करने की गुहार लगाई.
कोर्ट को बताया कि केके पाठक ने शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव के पद पर 8 जून को ही योगदान दिया है. उनका कहना था कि योगदान के दूसरे दिन कोर्ट के आदेश का जैसे ही उन्हें पता चला तो उन्होंने नालंदा के डीईओ को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से दो-तीन दिन के भीतर अदालती आदेश का पालन करने का निर्देश दिया. नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी अदालती आदेश का पालन करने की जानकारी दी. आवेदक ने भी पत्र जारी कर अदालती आदेश का पालन करने और किसी प्रकार का बकाया भुगतान नहीं होने की जानकारी विभाग को दी है.