बक्सर न्यूज़: बिहार के पिछड़े जिलों ने विकास योजनाओं में ‘आकांक्षी’ छलांग लगाई है. शानदार काम की बदौलत कई क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. विभिन्न राज्यों के जिले निर्धारित मानकों पर बिहार के इन जिलों से पीछे रह गए हैं. खासकर कृषि और जल संसाधन के अलावा स्वास्थ्य और पोषण पर बिहार ने बेहतर काम किया है. इन क्षेत्रों में बिहार के जिलों को देश में पहला स्थान मिला है. यही नहीं ओवरऑल प्रदर्शन में बिहार के दो जिले टॉप पांच राज्यों में शामिल हैं. नीति आयोग ने देश के पिछड़े 112 आकांक्षी जिलों की अप्रैल के लिए चैंपियन ऑफ चेंज डेल्टा रैंकिंग जारी की है. देश के पांच सर्वश्रेष्ठ आकांक्षी जिलों में गया को दूसरा स्थान मिला है, जबकि जमुई तीसरे स्थान पर है. वहीं, इन जिलों में कृषि और जल संसाधन के क्षेत्र में काम करने में गया का देश में सर्वेोच्च स्थान रहा है. जबकि स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में जमुई प्रथम स्थान पर है. उल्लेखनीय है कि देश के आकांक्षी जिलों में विकास के पैमाने पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए नीति आयोग हर महीने की रिपोर्ट कार्ड जारी करता है और अव्वल आने वाले जिलों को एक से तीन करोड़ तक अतिरिक्त राशि दी जाती है.
ऐसे मिलते हैं अंक
कोर सेक्टर 100 फीसदी
स्वास्थ्य व पोषण 30
शिक्षा 30
कृषि व जल संसाधन 20
वित्तीय समावेश व कौशल विकास 10
आधारभूत संरचना 10
नीति आयोग हर माह जारी करता है रिपोर्ट कार्ड
देश के आकांक्षी जिलों में विकास के पैमाने पर प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए नीति आयोग हर महीने देश के सारे आकांक्षी जिलों के प्रदर्शन की रिपोर्ट कार्ड जारी करता है. रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को अतिरिक्त राशि मिलती है. यह राशि यहां विकास कार्यों पर खर्च होती है.