बिहार

ऑटो चालक ने अपनी जान गवांकर चार लोगों को नया जीवन देकर मिसाल की कायम

Ritisha Jaiswal
5 July 2022 1:00 PM GMT
ऑटो चालक ने अपनी जान गवांकर चार लोगों को नया जीवन देकर मिसाल की कायम
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बिहार के वैशाली जिले से दिल्ली आए एक शख्स की ज़िंदगी की डोर भले ही टूट गयी हो, लेकिन उनके परिवार ने इस टूटी हुई डोर से 4 नई जिंदगियों की डोर को जोड़ डाला

बिहार के वैशाली जिले से दिल्ली आए एक शख्स की ज़िंदगी की डोर भले ही टूट गयी हो, लेकिन उनके परिवार ने इस टूटी हुई डोर से 4 नई जिंदगियों की डोर को जोड़ डाला. एक जान भले ही गयी लेकिन 4 लोगों को नया जीवन मिल गया या यूं कहें उन्होंने चार लोगों की जान बचा ली.

असल में, कहानी इतनी सीधी नहीं है, ये बड़ी मार्मिक कहानी है. एम्स के डॉक्टर मिलिंद होते ने बताया कि जिसमें बिहार के वैशाली जिले के गांव डेढ़पुरा से आए ऑटो चालक कारू सिंह अपनी बेटी की शादी के लिए रिश्ता देखने के संबंध में 30 जून को दिल्ली आये थे. एक जुलाई को अपने एक रिश्तेदार के घर की छत से गिर गये और उन्हें देर रात एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया, जहां पर कुछ ही घंटों बाद उन्हें दिमागी तौर पर मृत (Brain Dead) घोषित कर दिया.
ब्रेन डेड के बाद परिवार ने अंगदान का लिया फैसला
ब्रेन डेड के बाद इनके परिवार ने अंगदान का फैसला किया और इसके बाद हमारी एक मरीज़ जो 7 साल से डोनर की तलाश में थी उनकी तलाश खतम हुई. अंगदान के बाद एम्स में मृतक का हृदय एक 40 वर्षीय महिला में प्रतिरोपित किया गया. 62 वर्षीय व्यक्ति को यकृत दिया गया, जबकि 56 वर्षीय व्यक्ति का एक किडनी प्रत्यारोपित की गई.
रिश्तेदार के घर की छत से गिरने पर एम्स में भर्ती हुए थे कारू चालक
डॉक्टर होते के मुताबिक- ऑटो चालक कारू सिंह एक जुलाई को अपने एक रिश्तेदार के घर की छत से गिर गये थे और उन्हें देर रात एम्स के ट्रामा सेंटर लाया गया और कुछ ही घंटों बाद उन्हें दिमागी तौर पर मृत घोषित कर दिया गया और इसके बाद इनके परिवार वालों ने यह फ़ैसला लिया की अंगदान करके और जाने बचायी जाए हमारी मरीज़ खुद 7 साल से डोनर के इंतेज़ार में थी.
महिला के पति ने कहा- पत्नी के लिए 7 साल से थी दिल की तलाश
40 वर्षीय महिला के पति ने कहा की यह फ़ैसला बहुत बड़ा है और इसे एक मिसाल क़ायम होगी कि एक जान तो गयी लेकिन 4 लोगों को नया जीवन मिलेगा, यह चीज़ अपने आप में काफी बड़ी बात है, मेरी पत्नी को दिल की बीमारी थी. हम 2015 से डोनर की तलाश कर रहे थे. अब जाकर यह तलाश खत्म हुई मैंने खुद यह फ़ैसला किया है मैं भी अंगदान करूंगा, अगर कभी मेरे साथ ऐसा कुछ होता है.
महिला के बेटे का कहना है कि मां ने बहुत हिम्मत रखी, वो हमें हौसला देती थीं कि कभी ना कभी सब ठीक हो जाएगा. हम बहुत शुक्रगुज़ार हैं और यह फ़ैसला अच्छा है ऐसा ही होना चाहिए.


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

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