मुजफ्फरपुर न्यूज़: नगर निगम में आउटसोर्स कर्मियों की आड़ में मोटी राशि का गबन हुआ है. बिना काम किए ही 1973 कर्मियों के वेतन व पारिश्रमिक का भुगतान कर दिया गया है. महालेखाकार की ऑडिट यूनिट की जांच में यह सच्चाई सामने आई है. मामला एक माह (22 फरवरी से 21 मार्च 2023) का है. ऑडिट टीम ने पहले निगम द्वारा दिए गए पगार बुक को आउटसोर्सिंग एजेंसियों के पोर्टल से डाउनलोड किया. फिर बायोमेट्रिक हाजिरी जुटाकर उस विवरण के साथ मिलान किया, जिसके आधार पर एजेंसियों को भुगतान किया गया था. पता चला कि बायोमेट्रिक हाजिरी की तुलना में 1973 मानव दिवस अधिक था. कॉपी किए गए उपस्थिति के डाटा को अनुपस्थिति के दिनों में चिपकाया गया था. एजी की रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए उपस्थिति को जान-बूझकर बढ़ाया गया था. इससे निगम को 10.86 लाख का नुकसान हुआ.
एजेंसियों के पास बायोमेट्रिक प्रणाली नहीं निगम के साथ एग्रीमेंट के अनुसार चयनित एजेंसी को अपने खर्च पर बायोमेट्रिक प्रणाली रखनी होगी. इसे तय रिपोर्टिंग प्रमुख द्वारा रोज सत्यापित करना है. एजेंसी को बिल के साथ मानव बल के भुगतान के लिए उपस्थिति व वेतन रजिस्टर की प्रति के साथ पीएफ कटौती का चालान जमा करना होगा. एजेंसी को मानव बल को भुगतान के समय वेतन वाउचर देना है, जिसमें कटौती के साथ वेतन का जिक्र हो. हालांकि एजेंसियों के भुगतान से संबंधित फाइल व वाउचरों की जांच में पता चला कि उनके पास बायोमेट्रिक प्रणाली नहीं है. भुगतान के लिए बैंकों को दिए उपस्थिति पत्रक व सलाह के विवरण में यह पता नहीं चल रहा कि वास्तव में भुगतान किया गया या नहीं.